एप्पल न्यूज़, शिमला
सूचना प्रौद्योगिक विभाग वर्ष 2024 के अंत तक हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 5जी सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि लोगों को और बेहतर और सुसंगत इंटरनेट सुविधा प्रदान की जा सके।
सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी डॉ. अभिषेक जैन ने आज यहां 2024 तक राज्य में 5जी सेवाओं को कार्यशील बनाने के लिए दूरसंचार संरचना स्थापित करने में सरकारी बुनियादी ढांचे के उपयोग के तौर-तरीकों पर राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृष्य में डेटा सभी क्षेत्रों में दक्षता और गति के साथ काम करने के लिए अनिवार्य है। यह दूरसंचार क्षेत्र और 5जी सेवाओं के विकास के बिना संभव नहीं है। प्रदेश सरकार दूरसंचार क्षेत्र के विकास के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। प्रदेश में 5जी सेवा कार्यशील करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. अभिषेक जैन ने कहा कि सरकारी अधिकारियों और सेवा प्रदाताओं को निर्धारित समय अवधि के भीतर यह कार्य करने के लिए समन्वय और परिभाषित दृष्टिकोण के साथ कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह अनुभव किया गया है कि सभी सेवा प्रदाता फाइबर और खंभे स्थापित करने के लिए जमीन खोदते हैं, जिससे लोगों को असुविधा होती है और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है।
इसे ध्यान में रखते हुए, उन्हें 5जी सेवा स्थापित करते समय ऐसा तंत्र विकसित करना चाहिए, जिससे प्रकृति व जीवों को कम से कम नुकसान तथा जनता को भी कम से कम असुविधा हो। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी सेवा प्रदाताओं को एक ही बार में समन्वय कर स्थापना कार्य को अंजाम देना चाहिए ताकि दोबारा जमीन खोदने की जरूरत न पड़े।
उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र सशक्त होना चाहिए और इसे अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने न केवल व्यावसायिक पहलू पर विचार करने बल्कि लोगों की जरूरतों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दायित्व के साथ कार्य करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि सेवा प्रदाताओं को सरकार के साथ-साथ निजी संपत्ति को कम से कम नुकसान व पारदर्शिता तथा प्रत्येक हितधारक के अधिकारों पर भी विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न सेवा प्रदाताओं को दूर-दराज और बर्फ से आच्छादित क्षेत्रों में सशक्त नेटवर्क कवरेज सुनिश्चित करना चाहिए।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने राज्य में 5जी सेवा के लिए नीतियों को परिभाषित करने वाली एक प्रस्तुति भी दी।
बैठक में विशेष सचिव सूचना प्रौद्योगिकी टोरुल एस. रवीश, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास, राजस्व विभाग, विद्युत बोर्ड के अधिकारी और विभिन्न सेवा प्रदाता उपस्थित थे।