एप्पल न्यूज़, शिमला
पौंग झील वन्यजीव अभयारण्य स्थल में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी वार्षिक जल पक्षी पक्षी सर्वेक्षण 2023 का आयोजन 30 और 31 जनवरी 2023 को किया गया। पक्षी सर्वेक्षण में वन्यजीव विंग, हिमाचल प्रदेश वन विभाग, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस), राज्य जैव विविधता बोर्ड, वन्य जीव संस्थान देहरादून एवं वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने भाग लिया।
30 जनवरी को सभी प्रतिभागियों के लिए प्री-सेंसस ब्रीफिंग का आयोजन किया गया। 31 जनवरी 2023 को पौंग बांध झील वन्यजीव अभयारण्य के पूरे क्षेत्र को 25 भागों में विभाजित किया गया और तदनुसार टीमों का गठन किया गया जिसमें पक्षियों की गिनती के लिए 68 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
पक्षी सर्वेक्षण के दौरान रिकॉर्ड किए गए पक्षियों की कुल संख्या 117022 पाई गई। जिसमें 88 प्रजातियां शामिल हैं। कुल संख्या में से, पानी पर निर्भर प्रवासी पक्षीयों की 59 प्रजातियों की संख्या 105497 पाई गई।
पानी पर निर्भर निवासी पक्षी 29 प्रजातियों की संख्या 10393 पाई गई और अन्य पक्षीयों की 20 प्रजातियों की संख्यां 1132 पाई गई। मुख्य प्रजाति, बार-हेडेड गीज की कुल जनसंख्या 50263 पाई गई।
वन्य प्राणी प्रभाग के मुखिया राजीव कुमार ने बताया की हिमाचल प्रदेश में पहली बार एक नई प्रजाति, लंबी पूंछ वाली बत्तख देखी गई जिसको बोटिंग पॉइंट के पास सुगनारा क्षेत्र में रिपोर्ट किया गया उन्होने यह भी बताया की पक्षियों की संख्या पिछले वर्ष 110309 से बढ़कर इस वर्ष 117022 हो गई है।
इस वार्षिक पक्षी सर्वेक्षण में अन्य प्रमुख प्रजातियां यूरेशियन कूट (13035) उत्तरी पिंटेल (15783), कॉमन टील (6478), कॉमन पोचार्ड (8096) ,यूरेशियन विजन (1674), लिटिल कॉर्मोरेंट (6565), नॉर्दर्न शोवलर (1518) और ग्रेट कॉर्मोरेंट (2768)। झील में रिपोर्ट की गई अन्य प्रजातियां हैं लैसर व्हाईट फ्रंटेड गूज, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, फेरुजिनस पोचर्ड, पाइड एवोकेट, नॉर्दर्न लैपविंग, कॉमन केस्ट्रेल आदि। पक्षी सर्वेक्षण के दौरान एक रिंग्ड बार-हेडेड गूज भी को भी देखा गया। पक्षियों की कुल संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि देखी गई है।
पक्षियों की संख्या में सबसे अधिक ध्यान देने योग्य वृद्धि उत्तरी पिंटेल की थी जो पिछले वर्ष 4665 से बढ़कर इस वर्ष 15784 हो गई है। बार-हेडेड गीज की आबादी में भी वृद्धि हुई है जो पिछले वर्ष की गणना से 2665 अधिक है।
पक्षियों की संख्या और प्रजातियों की संख्या आने वाले दिनों में उनके प्रजनन स्थलों की वापसी यात्रा के दौरान बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि उत्तर-पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत से पक्षी पौंग झील में आने लगेंगे। इनमें से अधिकांश पक्षी तिब्बत, मध्य एशिया, रूस और साइबेरिया में ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र में अपने प्रजनन स्थलों से पलायन करते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में, पौंग झील अभ्यारण भी एक रामसर स्थल है, जो प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियों के लिए सर्दियों में रहने के लिए एक आदर्श स्थान बन गया है।