एप्पल न्यूज़, शिमला
समूह को दिए गए कर्जे को लेकर सियासत सड़क से लेकर सदन तक गरमाई हुई है। कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सड़क से लेकर सदन तक हमलावर है लेकिन अब आम आदमी पार्टी भी इस सियासी लड़ाई मे कूद गई है। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कमेटी ने देश भर में अपनी इकाइयों से भाजपा कार्यालयो के बाहर प्रदर्शन करने का आव्हान किया है।
उसी कड़ी में रविवार को आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत ठाकुर की अगुवाई में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भाजपा कार्यालय के बाहर आप कार्यकर्त्ताओं ने जमकर नारे बाजी की और केंद्र सरकार पर देश की सरकारी सम्पतियों को बेचने का आरोप लगाया
आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के दवाब के चलते अडानी समूह की जेवीपी से जांच करवाई जाए। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार जिस तरीके से सदन में अडानी का बचाव कर रही है किसी तरीके की कोई जांच नही कर रही है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने किस आधार पर एक उद्योगपति को देश के बैंकों का ढाई लाख करोड़ कर्ज दे दिया इसकी जांच की जानी चाहिए और बैंकों में सेव जनता के पेसो को जनता पर खर्च करना चाहिए।
आप प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने चिड़िया उड़ योजना चलाई है पिछले वर्षों में बैंकों से कर्ज लेकर कई उद्योगपति जैसे विजय माल्या,ललित मोदी नीरव मोदी , मेहुल चौकसी भाग गए है।
उन्होने शंका जताई है कि अडानी भी इन्ही की तरह देश से भाग सकता है। जेवीपी का गठन कर इसकी जांच करवानी चाहिए कि किस आधार पर एक उद्योगपति को ढाई लाख करोड़ का कर्ज दिया गया।
वहीं उंन्होने प्रदेश सरकार पर भी हमला करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को सत्ता सौंपी है और सरकार बनने के कुछ ही दिनों बाद बिना किसी नोटिस के उद्योगपति उद्योग को बन्द कर दें जिससे सीधे तौर पर प्रदेश की 30 हजार और इंडेरेक्ट रूप से 1 लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित हो तो ऐसे उद्योग पति के खिलाफ सरकार को विधेयक लाना चाहिये।
उद्योगों को अपने अंडर लेना चाहिए और उद्योग पति की मोनोपोली को खत्म करना चाहिए लेकिन प्रदेश की सुख्खू सरकार भी अडानी समूह से परमिशन मिलने का इंतजार कर रही है। उन्होने मांग की कि सरकार को अब इंतजार नही करना चाइये क्योंकि 2 महीनों के वक्त हो गया है ।
सरकार को अडानी समूह के खिलाफ विधेयक लाना चाहिए और उसकी मोनोपोली को खत्म कर कम्पनियों को अपने अधीन कर लेना चाहिए। इस विवाद से प्रभावित प्रदेश की एक लाख की आबादी को राहत प्रदान करनी चाहिए ताकि दो महीनों से बन्द पड़ा उनका रोजगार बहाल हो सके।