एप्पल न्यूज़, शिमला
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी पर भ्र्ष्टाचार के आरोपो का बेनामी पत्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है सीएम कार्यालय के ही एक कर्मचारी ने ये पत्र प्रधानमंत्री को लिखा गया है ।
इसमें करोड़ो के पैसे के लेन देन के आरोप लगाए गए है। और इसकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से करवाने की मांग की गई है।

वही इसको लेकर विपक्ष भी मुखर हो गया है और मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच करवाने की मांग की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की ओर से मुख्यमंत्री से इस मामले मैं छानबीन कर हकीकत प्रदेश की जनता के समक्ष रखने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से संबंधित अधिकारी पर आरोप लगे हैं और इसको लेकर लिखित रूप से एक पत्र भी काफी वायरल हो रहा है और पूरे प्रदेश में इसको लेकर चर्चा हो रही है।



हालांकि पत्र किसने लिखा है उसकी जानकारी नहीं है लेकिन यह विषय जांच का बनता है और मुख्यमंत्री जांच करें और लोगों के बीच स्पष्ट करें कि क्या तथ्य हैं।
उन्होंने कहा कि सचिवालय में काफी समय से कर्मचारियों पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री इस मामले की छानबीन करवाएं और लोगों के सामने प्रस्तुत करें की इन आरोपो में कितनी सच्चाई है।
हालांकि आज से पहले भी कई गुमनाम पत्र चलते थे लेकिन इसमें गंभीर आरोप लगे हैं । उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले की जांच करवाएं ताकि लोगों को सच्चाई मालूम पड़े।
नरेश चौहान ने नकारे आरोप, बोले-पत्र में कोई सच्चाई नहीं
वन्ही दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने मामले को दरकिनार करते हुए कहा है कि पत्र में कोई सच्चाई नहीं है।
यह सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। पत्र में लगे आरोपों में कोइ सच्चाई नहीं है। यह बेनामी पत्र है मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय को कोई शिकायत नही मिली है।
बाइट,,,नरेश चौहान, प्रधान मीडिया सलाहकार सीएम
बता दे सचिवालय में सीएम कार्यालय के अधिकारी पर पैसे के लेन को लेकर एक पत्र इन दिनों वारयल हो रहा है जिसमे गभीर आरोप लगे है। पावर प्रोजेक्ट में पैसे के लेनदेन के अलावा अन्य मामलों में भी अधिकारी पर पैसे लेने के आरोप लगाए गए है।
हालांकि पत्र किसने लिखा है इसका खुलासा नही हुआ है लेकिन अब विपक्ष इन मामले को लेकर जांच की मांग कर रहा है ।