IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

जायका परियोजना के माध्यम से विकसित होंगे गुणवतापूर्ण प्रजातियों के 60 लाख पौधे, हरित आवरण 30% करने का लक्ष्य- मुख्यमंत्री

एप्पल न्यूज़, धर्मशाला

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में आयोजित जाईका की वानिकी एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं (एनआरएम) की तीन दिवसीय 12वीं वार्षिक कार्यशाला को धर्मशाला से वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया।

इस अवसर पर प्रदेश के हरित आवरण को बढ़ाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में, राज्य में लगभग 28 प्रतिशत हरित आवरण है और प्रदेश सरकार ने वर्ष 2030 तक इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।


उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए लिए जाईका द्वारा वित्त पोषित वानिकी और एनआरएम परियोजनाओं ने राज्य में हरित क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले दो वर्षों में, उन्नत तकनीकों की मदद से 4 हजार 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर पौधारोपण किया गया है। सामुदायिक और वानिकी उद्देश्यों के लिए परियोजनाओं के माध्यम से उच्च गुणवता वाली पौध तैयार करने तथा 60 लाख से अधिक महत्वपूर्ण गुणवतापूर्ण प्रजातियों के पौधे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य भर में 72 नर्सरी का नवीकरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल जैसे कृषि प्रधान राज्य में वन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रदेश की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका और अन्य रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए वन संसाधनों पर अधिक निर्भर है।

जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हांेने पर्यावरण हितैषी संसाधनों और समाधानों की खोज तथा वन संपदा को संरक्षित एवं बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने सात जिलों में 460 ग्राम वन विकास समितियों (वीएफडीएस) और 900 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन के माध्यम से संयुक्त वन प्रबंधन गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण के लिए परियोजना के प्रयासों की सराहना की।

परियोजना में वन आधारित समुदायों और वन विभाग के कर्मचारियों के लिए कौशल उन्नयन और क्षमता निर्माण को भी प्राथमिकता दी गई है।

जलवायु परिवर्तन और अन्य आपदाओं से उत्पन्न जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से 15 हजार से अधिक व्यक्तियों को आजीविका गतिविधियों और वनों के सुधार के दृष्टिगत प्रशिक्षित किया गया है।
हरित और सतत विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य बनाना वर्तमान प्रदेश सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। इस दिशा मंे राज्य सरकार ने कई पहल की हैं। भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

उन्होंने कहा कि जाईका द्वारा वित्तपोषित परियोजना हिमाचल को हरित राज्य बनाने की परिकल्पना को साकार करने मंे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग को परियोजना के दूसरे चरण की तैयारी शुरू करने तथा जो क्षेत्र पहले चरण में शामिल नहीं थे उन्हंे सम्मलित करने के लिए कहा।
बैठक में धर्मशाला से कृषि मंत्री चंद्र कुमार, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल, विधायक संजय रतन, भवानी सिंह पठानिया, केवल सिंह पठानिया और मलेंदर राजन वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
इस अवसर पर शिमला से मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, जाईका इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि साइतो मित्सुनोरी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, पीसीसीएफ (एचओएफएफ) राजीव कुमार, जाईका इंडिया के वरिष्ठ प्रतिनिधि वातानाबे जुन, मुख्य विकास विशेषज्ञ जेआईसीए इंडिया विनीत सरीन, मुख्य परियोजना निदेशक नागेश गुलेरिया और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

Share from A4appleNews:

Next Post

राज्यपाल ने किया ‘‘द नॉलेज सिस्टम ऑफ भारत’’ का लोकार्पण

Thu May 25 , 2023
एप्पल न्यूज़, शिमला राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हमें अपने गौरवमयी इतिहास को पुर्नस्थापित करने के लिए साहस के साथ आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को विश्व गुरू के रूप में स्वीकार कर रही है। यही भावना हम सबको भी स्वीकार करने […]

You May Like