एप्पल न्यूज़, सीआर शर्मा आनी
आनी खंड के तहत राजकीय जमा दो विद्यालय लढागी में प्रवक्ताओं के कई पद खाली होने से यहाँ अध्ययनरत छात्रों की पढाई वाधित हो रही है। मगर सरकार व विभाग द्वारा इस बारे में कोई प्रभावी कदम न उठाए जाने से अभिभावकों में बेहद रोष है।
अध्यापकों की मांग को लेकर बुधबार को स्कूल एसएमसी ने सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ एक धरना प्रदर्शन किया जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों समेत इलाके की महिला मंडलों .युबक मंडलो .काली नाग कमेटी बुच्छैर. जन संघर्ष मंच बुच्छैर . किसान सभा के जन संगठनों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया ।
विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष देशराज ने कहा कि उन्होंने इस बारे में सरकार व सम्बन्धित विभाग को कई बार अवगत करवाया । मगर उन्होंने ग्रामीणों की इस मांग को गंम्भीरता से नहीं लिया. जिससे समस्या का समाधान नहीं हुआ है। ऐसे में उन्होंने अब संघर्ष का मन बनाया है।
जन संघर्ष मंच के संयोजक पदम प्रभाकर ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक दुर्गम क्षेत्र के सरकारी स्कूल की मूलभूत सुविधाओं की ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है।
स्कूल में खाली पदों के बारे में पहले से बिभाग को मालुम है. मगर विभाग भी इसे गंभीरता से न लेकर बच्चों के भविष्य से खिलबाड कर रहा है।
स्कूल में अध्यापकों सहित वर्ष 2014 से वरिष्ठ सहायक का पद भी खाली चला है। जिसके चलते स्कूल का विभागीय कार्य भी मजबूरन शिक्षकों को ही करना पड़ रहा है। जबकि स्कूल में मुलभूत समस्याओं का भी काफी अभाव है. जिसमें बच्चों के बैठने के लिए न तो डैस्क है और न चारदिवारी और किचन शैड की सुबिधा।
वहीं विद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी प्रबक्ता तथा लिपिक के पद भी सृजित नहीं हैं।जबकि स्कूल में लाखों के कंम्पयूटर सालों से धूल फांक रहे हैं । कंम्पयूटर के होते हुए भी बच्चों को कंम्पयूटर शिक्षा से बंछित रहना पड़ रहा है।
युवक मंडल लढागी की सचिव शिला ने कहा कि स्टाफ् और अन्य शैक्षणिक माहौल ठीक न होने के कारण बच्चे यहां से धीरे धीरे दुसरी स्कूलों को पलायन हो रहे हैं।
इन मांगों के बारे में एसएमसी ने सांसद प्रतिभा सिंह को आनी दौरें के दौरान च्वाई में मांगपत्र भी दिया था। लेकिन उस पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है ।
जिससे स्कूल की समस्या जस की तस है। ऐसे में एसएमसी व ग्रामीणों ने सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने का मन बनाया है।