एप्पल न्यूज़, शिमला
भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की अनूठी पहल पर शहरी विकास विभाग, हिमाचल प्रदेश शिमला द्वारा कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन की प्रमुख योजना के तहत “महिलाओं के लिए पानी, पानी के लिए महिलाएं” अभियान का आयोजन किया गया ।
अमृत योजना व राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की साझेदारी से यह अभियान 7-9 नवंबर, 2023 तक “जल दिवाली” के रूप में मनाया जा रहा है ।
इस अभियान का उद्देश्य जल प्रशासन में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं को शामिल कर उन्हें एक मंच प्रदान करना है। उन्हें अपने संबंधित शहरों में जल उपचार संयंत्रों (WTPs) का दौरा करवा कर जल उपचार और परीक्षण प्रक्रियाओं के बारे में प्रत्यक्ष ज्ञान दिया जाना है तथा घरों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने में शामिल महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं से अवगत करवाना है ।
जल शक्ति विभाग की मदद से अलग-अलग स्थानों पर 15 जल उपचार संयंत्रों (WTPs) साइटों की पहचान की गई, जिनमें से 07-नवंबर-2023 को शहरी स्थानीय निकायों (यू.एल.बी) के स्वयं सहायता समूहों का दौरा 13 जल उपचार संयंत्रों साइटों में कराया गया ।
02 साइटों का दौरा दिनांक 08-नवंबर-2023 को किया जाना है । शहरी स्थानीय निकायों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा 07-नवंबर-2023 को जिन जल उपचार संयंत्रों साइटों का दौरा किया गया उनके नाम इस प्रकार है:- चंबा, भोटा , हमीरपुर, धर्मशाला, पालमपुर, कुल्लू, मनाली, जोगिंदरनगर , मंडी, शिमला, ठियोग, अर्की और सोलन । बचे हुए दो स्थलों घुमारवीं और नैना देवी का दौरा दिनांक 08-नवंबर-2023 को समपन्न होगा ।
दिनांक 07-नवंबर-2023 को कुल 364 स्वयं सहायता समूह सदस्यों ने 13 जल उपचार संयंत्रों साइटों का दौरा किया । दौरे के दौरान जल शक्ति विभाग के संबंधित साइट इंजीनियरों ने उन्हें घरों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति में शामिल विभिन्न प्रक्रियाओं से अवगत कराया ।
यह दौरा नगर निगमों के आयुक्तों और विभिन्न नगर पालिकाओं के कार्यकारी अधिकारी/सचिवों और जल शक्ति विभाग और शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के कार्यकारी अभियंताओं के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया ।
छेत्रिय स्तर पर राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन/अमृत योजना के अंतर्गत कार्यरत CMMU व सामुदायिक आयोजक (CO) की सहभागिता से इस आयोजन को सफल बनाया गया ।
अभियान का परिणाम जल उपचार पर जागरूकता, ज्ञान, स्वामित्व की भावना, जिम्मेदारी, एसएचजी का सशक्तिकरण, सकारात्मक सामुदायिक प्रभाव और भविष्य की पहल के लिए इस मॉडल को बढ़ाना है ।