एप्पल न्यूज, रामपुर बुशहर
सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षण संस्थान नोगली रामपुर में रविवार को जागृत महिलाओं का महासम्मेलन (संवर्धिनी) का आयोजन किया गया। जिसमें नेहा चौहान उप प्रबन्धक एसजेवीएनएल ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होने भारतीय दर्शन में स्त्री को इतना अधिक सम्मान इसलिए दिया जा गया है कि वह त्याग की मूर्ति है।
वह स्नेह की खान है वह समर्पण की पराकाष्ठा कर सकती है। वह समाज की वास्तविक वास्तुकार है। नारी का अस्तित्व ही सुंदर जीवन का आधार है।
वक्ता कमेलश ग्राम विकास निदेशक ने बताया भारतीय दर्शन में धार्मिक दृष्टिकोण से महिलाओं को त्याग की मूर्ति और समर्पण की प्रतीक के रूप में देखा गया है।
मुख्य वक्ता डॉक्टर मुक्ता प्रोफेसर पोर्टमोर ने आधुनिक भारत में महिलाओं की भूमिका पर बताते हुए बताया कि भारतीय महिला आज हर क्षेत्र में देश और समाज के विकास में अहम भूमिका निभा रही है।
जिस तरह एक रथ को उस का सारथी सही दिशा में चलाता है ठीक उसी तरह एक महिला भी अपने परिवार रूपी रथ को सही दिशा में घूमा कर परिवार और समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकती है।
उन्होंने महिलाओं की स्थानीय समस्या स्थिति एवं उनका समाधान के लिए महासम्मेलन के एक सत्र में महिलाओं की स्थानीय समस्याओं का गहरा अध्ययन किया। और महिलाओं से शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक समरसता और क्षेत्र के युवा- युवतियों में बढ़ते नशे के प्रभाव से बचाव के पहलुओं की
आवश्यकता पर जोर दिया गया।
महासम्मेलन ने महिलाओं के सम्मान और समर्पण को महत्वपूर्णता पूर्वक स्थापित किया है और उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए संकल्पित किया गया है। हम सभी को मिलकर एक समृद्धि और सामाजिक समरसता की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।
महिला महा सम्मलेन की संयोजिका सुभद्रा शर्मा ने अन्त में सभी महिलाओं का धन्यवाद किया और महिलाओं से देश समाज को बदलने के लिए आगे आने का आवाहन किया।
इस अवसर पर महिला सम्मेलन की योजिका सुभद्रा शर्मा, सह सीमा मंटा, ऋतु भालुनी, ताक्षी छेत्री सहित कई गणमान्य लोग उपस्थिति रहे।