एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के 6 बागी विधायकों की सदस्यता विधानसभा अध्यक्ष ने रद्द कर अयोग्य करार कर दिया है। अध्यक्ष ने आज 11 बजे सुनवाई के बाद ये फैसला सुनाया है।
30 पेज की विस्तृत रिपोर्ट में इन विधायकों को व्हिप की उल्लंघन का दोषी पाया गया है।
जानकारी के अनुसार इन 6 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ जाकर भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट डाला।
यही नहीं सदन के भीतर बजट पारित करने के लिए हुए मतदान में भी शामिल नहीं हुए। जबकि कट मोशन के दौरान भी हुए मतदान से भी ये नदारद रहे।
कल विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने अध्यक्ष के समक्ष अपील की और कल दोपहर डेढ़ बजे से सुनवाई शुरू हुई। बागी विधायकों की ओर से सतपाल जैन पेश हुए और इसे दल बदल कानून के तहत n आने की बात कही।
अध्यक्ष ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था और आज फैसला सुनाते हुए इसे दल बदल कानून के तहत माना और सभी 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी।
अब इन विधायकों के पास हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का ऑप्शन है। इन सभी के बाहर होते ही अब कांग्रेस विधायकों का आंकड़ा 40 से घटकर 34 रह गया है। जबकि भाजपा के पास 25 विधायक हैं।
खास बात ये है कि अभी लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी नाराज हैं और अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। आज सुबह मुख्यमंत्री द्वारा अपने सरकारी आवास ओक ओवर में ब्रेकफास्ट पर सभी मंत्री विधायकों के बुलाए जाने के प्रस्ताव को भी अस्वीकार कर दिया है।
अब ऐसे में मामले के और बिगड़ने की संभावना के बीच सुक्खू सरकार की दुकदुकी बढ़ती जा रही है। देखना होगा कि अब आगे रणनीति किस ओर जाती है।