एप्पल न्यूज़, शिमला
माननीय उच्च न्यायालय, हिमाचल प्रदेश ने राज्य की ट्रायल अदालतों को निर्देश पारित किए हैं कि साइबर धोखाधड़ी के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर पहले से ही दर्ज किए गए मामलों/शिकायतों में एफआईआर दर्ज न की जाए।
इस बात पर जोर दिया जाए कि संबंधित साइबर पुलिस स्टेशनों द्वारा मामले में दर्ज की जाने वाली कार्रवाई रिपोर्ट के साथ उक्त पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायत की प्रति के आधार पर, ऐसे अपराधों के पीड़ितों के पक्ष में धनराशि जारी करके ऐसे मामलों का निपटारा किया जाना चाहिए।
इससे पहले, जब शिकायतकर्ता ने प्रासंगिक बैंक विवरण के साथ उक्त धनराशि जारी करने के लिए ट्रायल कोर्ट से संपर्क किया था, जिसमें पैसा फ्रीज/होल्ड पर रखा गया था, तो ट्रायल कोर्ट ने इन मामलों में एफआईआर दर्ज करने पर जोर दिया, जिससे रिलीज में बहुत देरी और असुविधा हुई। साइबर अपराध पीड़ितों को पैसा।
अब इन निर्देशों से राज्य के शिकायतकर्ताओं/नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी और पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज कराकर अपनी धनराशि आसानी से जारी करा सकेंगे।
हिमाचल प्रदेश पुलिस की ओर से डीजीपी-एचपी ने उक्त मामले में निर्देश पारित करने के लिए माननीय हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को धन्यवाद दिया है।
नेशनल साइबर पर दर्ज मामलों को दुरुस्त करने के निर्देशक्राइम रिपार्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी)
विषय
सर/मैडम,
यह देखने में आया है कि हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों में प्रतिदिन साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ 30-40 शिकायतें दर्ज की जाती हैं, जांच अधिकारी राष्ट्रीय साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायतों को दर्ज करते हैं, इन शिकायतों में निकाले गए पैसे का पता लगाते हैं और उसे ब्लॉक करवाते हैं।
धारा 102 सी. पीसी के तहत रोक लगा दी जाती है, जिसे बाद में ट्रायल कोर्ट द्वारा धारा 457 सीआरपीसी के तहत जारी किया जाता है, हालांकि जब शिकायतकर्ता संबंधित बैंक विवरण के साथ उक्त धनराशि की रिहाई के लिए ट्रायल कोर्ट से संपर्क करता है, जिसमें पैसा जमा कर दिया गया है / डाल दिया गया है मान लीजिए, ट्रायल कोर्ट इन मामलों में एफआईआर दर्ज करने पर जोर देते हैं, जिससे साइबर अपराध पीड़ितों को पैसा जारी करने में बहुत देरी होती है।
इसलिए, मुझे आपसे यह अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है कि उन मामलों/शिकायतों में एफआईआर दर्ज करने पर जोर न दें, जो पहले से ही राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी/www.cybercume.upyingst) पर साइबर धोखाधड़ी और ऐसे मामलों में दर्ज किए गए हैं।