हे राम
कब तक प्रतीक्षा कराओगे?
बोलो राम तुम कब तक आओगे?
दर्शनों से वंचित इन आंखों की
बोलो राम तुम कब तक प्यास बुझाओगे??
कब तक अहिल्या पाषाण बनी रहेगी?
बोलो राम तुम कब तक चरण लगाओगे?
कब तक अशोक वाटिका में सीता बंदी रहेगी?
बोलो राम तुम कब तक बन्धन खोलने आओगे?
कब तक रावण यूं ही अट्ठाहास करेगा?
कब तक सीता का हरण करेगा ?
बोलो राम तुम कब रावण संहारोगे?
कब तक मायावी निंद्रा में रहोगे?
कब तक धरती धीर धरेगी?
कब तक जीते जी सौ बार मरेगी?
बोलो राम तुम कब आओगे
मरते विश्वास को फिर से जगा पाओगे?
क्या आस दीप को फिर से जगा पाओगे?
लाखों रावण रोज जनमते
बोलों राम तुम कब अवतारोगे?
कब तक सारे रावण सहांरोगे?
जन्मों से बंधित अपनी सीता का
बोलो राम कब उद्धार करोगे?
बोलो राम बोलो तुम कब आओगे??
जब राम तुम आओगे
क्या फिर अवतार धरोगे ?
क्या फिर सीता को धरती में समाना होगा??
क्या फिर पुरूषोत्तम राम होने का दंड भरोगे??
बोलो राम तुम कब तक मर्यादा में जकड़े रहोगे?
बोलो राम तुम कब तक मानव होने का दंड भरोगे??
नही राम फिर तुम मत आना
तुम्हारी सीता देख ना पाएगी
फिर से तुम्हारी वो मजबूरी
समाज की कुरीतियों को
जीवित रखने के लिए
अपने राम का मरण ।
तो हे राम अब तुम मत आना
ना कभी मत आना मेरे राम ।
जय श्री राम जय श्री राम।।
एप्पल न्यूज़ के लिए
साभार…
वन्दना वामा