राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज चंडीगढ़ स्थित नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र (डीडीआरसी) का दौरा किया।
उन्होंने इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद किया और केन्द्र में उपचाराधीन व्यक्तियों के उपचार के लिए अपनाई जा रही तकनीक और रणनीति के बारे जानकारी हासिल की। उन्होंने केन्द्र में उपचाराधीन लोगों से भी बातचीत की।
राज्यपाल ने कहा कि क्षेत्र में नशाखोरी व इससे सम्बन्धित अन्य मुद्दे चरम पर हैं तथा कुछ असामाजिक तत्वों के बहकावे में आकर अधिकांश युवा इस बुराई की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस तरह के केन्द्र खोलने की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा ताकि राज्य में भी इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
डीडीआरसी केन्द्र शासित चंडीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग की परियोजना है और इसका प्रबन्धन ‘सोसायटी फॅार यूथ एवं मासिज’ नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है। यह केन्द्र आधुनिक नवीन तकनीक से सुसज्जित है और इसमें विभिन्न नशों की लत के शिकारी लोगों का उपचार किया जाता है ताकि वे एक अच्छे नागरिक बन सकें।