एप्पल न्यूज़, शिमला
कारगिल युद्ध विश्व का सबसे ऊंची पहाड़ियों पर लड़ा जाने वाला भयंकर युद्ध था। जो कि 18000 फीट से भी अधिक ऊंचाइयों पर भारतीय सेना ने जुलाई 1999 में लड़ा और विजय हासिल की।
इस भयंकर युद्ध में जहां 25,000 से भी अधिक बोफोर्स की तोपे चली थी वहीं 13,000 से भी अधिक सैनिक घायल हुए थे। इस युद्ध में भारत के 545 जांबाज सैनिक शहीद हुए थे ।
पूर्व सैनिक जो इस युद्ध के साक्षी रह कर युद्ध लड़ कर सकुशल सेवानिवृत हुए वह कभी भी इस युद्ध को नहीं भूल सकते है।
यह बात कारगिल युद्ध के गवाह और ऑपरेशन विजय युद्ध मेडल और युद्ध स्टार प्राप्त किए हुए, वेटरन इंडिया जिला शिमला के अध्यक्ष कैप्टन शामलाल शर्मा ने कही।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह द्वारा कारगिल युद्ध को लेकर ऐसा अशोभनीय बयान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह एक छोटी लड़ाई नहीं थी। उनका ब्यान यह प्रतीक है कि उनकी मातृ भूमि के लिए रक्षा करने वाले सैनिकों और उनके परिवार के प्रति कितनी घटिया सोच है। ऐसे बयान को देश कभी भी बर्दाश्त नही करेगा।
कैप्टन शामलाल शर्मा ने कहा कि आज भी उनके कानों में युद्ध की गर्जना गूंज रही है। भारतीय सेना ने किस तरह तन मन और धन हिम्मत और हौसले से देश की आन बान और शान के लिए मर मिटने की बाजी लगाकर, पाकिस्तानी फौज और उनके द्वारा भेजे गए घुसपैठियों को मार मार कर पीछे खदेड़ कर ऑपरेशन विजय पर कारगिल और काकसर जैसे इलाके में युद्ध जीत कर विजय हासिल किया था ।
उन्होंने कहा कि चुनाव आते जाते रहते हैं लेकिन फौजियों के बलिदान और भारत माता पर न्योछावर होने वाले सैनिकों की ऐसी गाथाएं कभी भुलाई नही जानी चाहिए।