*एक औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोज़ाना भोजन पकाती थी और एक रोटी वह वहाँ से गुजरने वाले किसी भी भूखे के लिए पकाती थी..।* *वह उस रोटी को खिड़की के सहारे रख दिया करती थी, जिसे कोई भी ले सकता था..।* *एक कुबड़ा व्यक्ति रोज़ उस रोटी […]
रूह गद गद हो गई रे दातया दर्शन कर के तेरे:-शांति लाहुल स्पीति सन्त निरंकारी मिशन हर वर्ष दिल्ली स्थित बुराड़ी रोड में अपना वार्षिक समागम मनाता आ रहा है।जिस में देश विदेश के लाखों लाख निरंकारी महापुरुष हिस्सा लेते है।इस बार भी सत्तरवें सन्त समागम को निरंकारी मिशन के […]
???चूडियाँ??? मैंने अक्सर लोगों को कहते सुना है कि चूडियाँ पहन कर घर में बैठो अर्थात चूडियाँ पहनने वाले हाथ बहुत कमजोर होते है … पर मैं इससे सहमत नहीं इसके जवाव मे ही किसी ने ये रचना लिखी है चूडियाँ जब बजतीं हैं बहुत भली ही लगतीं हैं […]
पत्नी की फटकार है अद्भुत, अद्भुत है पत्नी की मार। पत्नी के ताने सुन सुन कर, खुलते ज्ञान चक्षु के द्वार।। दस्यु सुना उत्तर पत्नी का भरम हो गया अंतर्ध्यान। हार गई पत्नी से दस्युता बाल्मिकी हुए कवि महान।। पत्नी से जब मार पड़ी तब, रोया फूट फूट नादान। […]
एक बार अकबर बीरबल हमेशा की तरह टहलने जा रहे थे! रास्ते में एक तुलसी का पौधा दिखा .. मंत्री बीरबल ने झुक कर प्रणाम किया ! अकबर ने पूछा कौन हे ये ? बीरबल — मेरी माता हे ! अकबर ने तुलसी के झाड़ को उखाड़ कर फेक दिया […]