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विस्थापित टैक्सी मालिकों द्वारा त्रासदी जैसी विषम परिस्थिति में “हड़ताल” पर जाना दुर्भाग्यपूर्ण, नाथपा – झाकड़ी परियोजना की “सुरक्षा को खतरा”

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एप्पल न्यूज, झाकड़ी
विस्थापित टैक्सी मालिकों को रोजगार प्रदान करने की दिशा में एसजेवीएन के संविदा पर तैनात टैक्सी मालिकों द्वारा सफल बैठक के उपरांत भी कार्यालय समय में ही हड़ताल पर जाना वाकई ही एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना तो है ही बल्कि यह एक गैर कानूनी एवं गैर जिम्मेदाराना रवैया भी है ।

31 जुलाई को बाढ़ की चपेट में आने से समेज गांव पूरा डूब गया तथा वहां कई लोगों ने अपनी गंवा दी। जहां जन-जीवन त्राहि-त्राहि हो उठा हो, उसी कार्य में लगे वाहनों को भी बिना किसी सूचना के हटा लिया गया ।

इसके अलावा 1500 मेगावाट का नाथपा झाकड़ी जल विद्युत परियोजना जो विद्युत-उत्पादन के क्षेत्र में अपनी अभूतपूर्व उपलब्धियों से विश्व मानचित्र पर स्थापित है, जहां से विद्युत-उत्पादन की प्रक्रिया 24 घंटे प्रक्रियाधीन है । इसके अतिरिक्त यह स्टेशन देश एवं प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था में भी सहयोग प्रदान कर रही है ।
एनजेएचपीएस अनिवार्य सेवाओं (essential services) के अंतर्गत आता है, और यहाँ से गाड़ियों को हटा देने के कारण कार्यक्षेत्र की व्यवस्था प्रभावित हुई है और विद्युतगृह का सुचारू संचालन भी बाधित हो गया है।

इसमें कुछ असामाजिक तत्व शामिल हैं जो टैक्सी मालिकों को मुद्दे से भटका रहे हैं, जबकि पिछले दिन ही उनसे समझौता हुआ था। इसके बावजूद, उन्होंने जानबूझकर प्रबंधन को परेशानी में डालने के लिए यह कदम उठाया है ।

सीआईएसएफ की क्विक रिस्पांस टीम की गाड़ियों को भी इनके द्वारा हटा लिया गया है, जिससे परियोजना की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता है ।
जहाँ एक ओर पूरा देश 15 अगस्त – स्वतंत्रता दिवस की गाथा का गुणगान करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटा हुआ है, वहीं इस अवांछनीय हड़ताल ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम को भी प्रभावित किया है।
जबकि एनजेएचपीएस इन टैक्सी मालिकों को हिमाचल प्रदेश सरकार और हमारी अन्य परियोजनाओं से बेहतर एवं सर्वोत्तम भुगतान कर रहा है । एसजेवीएन एक प्रतिष्ठित संस्था है और टैक्सी मालिकों के कल्याण को हमेशा सर्वोपरि रखती है ।
जबकि पूर्व की देयताएँ पहले से ही बेहतर थी फिर भी टैक्सी मालिकों के अनुरोध पर एसजेवीएन प्रबंधन एवं टैक्सी मालिकों की आपसी सहमति से अभी हाल ही में 1 अप्रैल, 2024 को मासिक भुगतान में प्रतिमाह प्रति टैक्सी 3000/- रुपए की वृद्धि की गयी । इसके अलावा इनके अनुबंध की अवधि जो पहले 5 साल निर्धारित थी, उसे भी बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया ।
एसजेवीएन प्रबन्धन ने इस प्रकार की गैर जिम्मेदाराना गतिविधि अवांछित है । इस प्रकार का धरना प्रदर्शन केवल एसजेवीएन की छवि को खराब करने का प्रयास है जो कदाचित उचित नहीं है।

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