file_00000000784861f8b70cfecce65018fe (1)
IMG-20250716-WA0010
previous arrow
next arrow

डॉ परमार विद्यार्थी ऋण योजना से कमजोर वर्गों के मेधावी विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के सपने हो रहे साकार, विदेशों में करेंगे शिक्षा अर्जित

file_00000000934c61f8b77af5384f2a351e
file_00000000a3d461f9a909a929a40f939d
file_0000000006c861fb9906286a4ab087a2
file_000000006e746230a2a51781dd51f8fa
IMG-20250716-WA0012
IMG-20250716-WA0011
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज, शिमला

प्रदेश के वंचित वर्गों के बच्चों तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने अनेक अभिनव कदम उठाए हैं। इस दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए सरकार ने डॉ. वाई.एस.परमार ऋण योजना को विस्तार प्रदान किया है। इसके तहत विदेश में शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का निर्णय लिया गया है।

इस पहल से उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक विद्यार्थियों की राह में वित्तीय सीमाएं आड़े नहीं आएगी। शिक्षा विभाग द्वारा इसके लिए शीघ्र ही मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जाएगी।


मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी बच्चों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना आरम्भ की है।

योजना के अन्तर्गत पात्र बोनोफाइड हिमाचली विद्यार्थियों को मात्र एक प्रतिशत ब्याज दर पर शैक्षिक ऋण प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को गुणात्मक और रोजगार परक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

इस योजना से राज्य के पात्र विद्यार्थी धन की कमी की वजह से उच्च व व्यवसायिक शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगे। यह पहल प्रदेश सरकार की सभी वर्गों तक गुणात्मक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
इस योजना के लिए प्रदेश सरकार ने 200 करोड़ रुपये का बजट आंवटित किया है। ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय चार लाख रुपये से कम है, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, जिसके तहत ट्यूशन फीस, रहने की सुविधा, किताबें और अन्य संबंधित खर्चे शामिल होंगे।

योजना के लिए विद्यार्थी किसी भी शेडयूल बैंक से 20 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। किसी भी प्रकार के विलम्ब की स्थिति से बचने के लिए सरकार द्वारा जिला स्तर पर उपायुक्त की देखरेख में एक कोष को स्थापित किया जाएगा और तत्काल वित्तीय आवश्यकता की स्थिति में पहली किस्त को जारी किया जाएगा।

योजना के अन्तर्गत व्यवसायिक और तकनीकी शिक्षा संबंधी पाठ्यक्रम जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, नर्सिंग, फार्मेसी, विधि आदि में डिप्लोमा और डिग्री इत्यादि करने के इच्छुक विद्यार्थियों के साथ-साथ आईटीआई, पॉलटैक्निस और पीएचडी करने वाले विद्यार्थी लाभ ले सकते हैं।

इसके लिए विद्यार्थियों को पिछली कक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लेना अनिवार्य है और पाठ्यक्रम में प्रवेश के समय विद्यार्थियों की आयु 28 वर्ष से कम होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए और विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान करने के लिए एक शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार की यह नवोन्मेष पहल सुनिश्चित करती है कि प्रदेश के युवाओं को समान रूप से अपने सपनों को साकार करने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।  

Share from A4appleNews:

Next Post

10 वें राष्ट्रमण्डल सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली पहुँचे विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानियां

Mon Sep 23 , 2024
एप्पल न्यूज, नई दिल्ली हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां 10वें राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ सम्मेलन भारत क्षेत्र में भाग लेने वायु मार्ग द्वारा नई दिल्ली पहुँचे हैं। गौरतलब है कि इस वर्ष 10वें राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ सम्मेलन भारत क्षेत्र का आयोजन राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ भारत क्षेत्र नई दिल्ली […]

You May Like

Breaking News