एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 16 में से 9 जिलों में सर्वसम्मति से नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है।
यह प्रक्रिया पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने और आगामी चुनावों के लिए संगठन को तैयार करने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
नए नियुक्त जिला अध्यक्ष:
चंबा: धीरज नरयाल
पालमपुर: रागिनी रकवाल
देहरा: अजय खट्टा
कुल्लू: अमित सूद
सुंदरनगर: हीरा लाल
मंडी: निहाल चंद शर्मा
सोलन: रतन सिंह पाल
सिरमौर: धीरज गुप्ता
लाहौल-स्पीति: रिंगजिन हरियाप्पा
इन नियुक्तियों में कुछ प्रमुख नाम शामिल हैं, जैसे सुंदरनगर के हीरा लाल, जो करसोग विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रह चुके हैं, और सोलन के रतन सिंह पाल, जिन्होंने अर्की विधानसभा क्षेत्र से दो बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा है।

शेष जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया:
शेष 7 जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी की जाएगी। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और सह चुनाव अधिकारी संजीव कटवाल के अनुसार, इन जिलों में भी सर्वसम्मति से अध्यक्षों का चयन करने के प्रयास जारी हैं।
इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी राज्य स्तर के वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है, जो सुनिश्चित करेंगे कि सभी नियुक्तियां सुचारु रूप से संपन्न हों।
संगठनात्मक चुनाव की अहमियत:
भाजपा के लिए संगठनात्मक चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को दर्शाते हैं और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हैं।
इस प्रक्रिया के माध्यम से पार्टी नेतृत्व को मजबूत और सक्रिय कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है, जिससे संगठन की जड़ें और गहरी होती हैं।

भविष्य की रणनीति:
जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद, पार्टी का अगला कदम प्रदेश अध्यक्ष का चयन होगा। वर्तमान में डॉ. राजीव बिंदल प्रदेश अध्यक्ष हैं, और उनके पुनर्नियुक्ति की संभावनाएं चर्चा में हैं।
यदि वे पुनः नियुक्त होते हैं, तो यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा। इसके अतिरिक्त, सत्तपाल सत्ती और विपिन सिंह परमार जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम भी इस पद के लिए संभावित उम्मीदवारों में शामिल हैं।
आंतरिक गुटबाजी और समाधान:
संगठनात्मक चुनावों के दौरान कुछ जिलों में आंतरिक गुटबाजी और विवाद सामने आए, जिससे पार्टी की एकता पर सवाल उठे।
कई नेता अपने समर्थकों के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मिलने दिल्ली पहुंचे, ताकि अपने पसंदीदा उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटा सकें।
हालांकि, पार्टी आलाकमान ने त्वरित हस्तक्षेप करते हुए सभी विवादों का समाधान किया और सर्वसम्मति से चुनाव प्रक्रिया को पूरा किया।
निष्कर्ष:
हिमाचल प्रदेश भाजपा में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति संगठनात्मक मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन नियुक्तियों से पार्टी को जमीनी स्तर पर नई ऊर्जा मिलेगी और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन की संभावनाएं बढ़ेंगी।
संगठनात्मक चुनावों के माध्यम से पार्टी ने अपने आंतरिक लोकतंत्र को सुदृढ़ किया है, जो भविष्य में पार्टी की सफलता के लिए आवश्यक है।