एप्पल न्यूज, शिमला/ऊना
ऊना जिले में खनन पर एक साल के लिए लगाए गए प्रतिबंध को हिमाचल प्रदेश सरकार का एक सख्त और दूरगामी कदम माना जा रहा है। यह निर्णय राज्य में अवैध खनन गतिविधियों को रोकने और खनिज संसाधनों का व्यवस्थित एवं वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शिमला सचिवालय में इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि ऊना जिले में अवैध खनन की लगातार मिल रही शिकायतों के कारण यह निर्णय लिया गया।
उन्होंने बताया कि खनन गतिविधियों पर नजर रखने और उचित प्रबंधन के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में एक विशेष कमेटी का गठन किया जाएगा, जो भविष्य में खनन गतिविधियों की अनुमति के संबंध में सुझाव देगी।

अवैध खनन रोकने की पहल
राज्य सरकार ने अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। इनमें एमफार्म का क्यूआर कोड स्कैनिंग के माध्यम से सत्यापन और होमगार्ड के सहयोग से एक विशेष माइनिंग फोर्स की तैनाती शामिल है।
सरकार ने राज्य के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों जैसे नालागढ़, ऊना, नूरपुर और पांवटा साहिब में अवैध खनन की रोकथाम के लिए विशेष चौकियां स्थापित की हैं।
हालांकि, कुछ लोग इन चौकियों को दरकिनार करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, अवैध खनन गतिविधियों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए शिमला में एक ऑनलाइन निगरानी प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। जनता से शिकायतें प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप और दूरभाष नंबर भी सार्वजनिक किए गए हैं।
विकासात्मक जरूरतों के लिए संतुलित दृष्टिकोण
हर्षवर्धन चौहान ने जोर देकर कहा कि राज्य में सड़कों के निर्माण और अन्य विकासात्मक कार्यों के लिए कच्चे माल की मांग बढ़ रही है। इसे पूरा करने के लिए खनन गतिविधियों का वैज्ञानिक और व्यवस्थित प्रबंधन आवश्यक है।
खनिज संसाधनों के उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए खदानों के पट्टे जारी करने की प्रक्रिया को सरल और तेज करने की भी सिफारिश की गई है।
चूना पत्थर खदानों की नीलामी में तेजी
सरकार ने सोलन जिले के अर्की, शिमला जिले के सुन्नी और चंबा जिले के बड़ोह-सिंध में चूना पत्थर खदानों की नीलामी की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं।
यह न केवल विकास कार्यों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, बल्कि राज्य को आर्थिक लाभ भी प्रदान करेगा।
संसाधनों का सुदृढ़ीकरण
खनन विभाग को एक प्रभावी प्रवर्तन एजेंसी के रूप में स्थापित करने के लिए पर्याप्त स्टाफ, वाहन और आईटी संसाधनों से सुसज्जित करने का भी निर्णय लिया गया है। इस उद्देश्य के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
निष्कर्ष
ऊना जिले में खनन पर प्रतिबंध और खनन गतिविधियों के प्रबंधन के लिए सरकार की पहल न केवल अवैध खनन पर रोक लगाएगी, बल्कि राज्य में विकास और पर्यावरण संतुलन के बीच समन्वय सुनिश्चित करेगी।
यह कदम खनिज संसाधनों के सतत उपयोग और राजस्व वृद्धि के लिए एक बड़ी सफलता साबित हो सकता है।