एप्पल न्यूज, रामपुर बुशहर
रामपुर बुशहर के प्रसिद्ध ठाकुर सत्यनारायण मंदिर में चोरी की यह घटना स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।
यह मंदिर अपनी धार्मिक महत्ता के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी जाना जाता है, क्योंकि यहां सीसीटीवी कैमरों और सिक्योरिटी गार्ड्स की तैनाती की गई है।
इसके बावजूद, चोरों ने मंदिर की सुरक्षा को धत्ता बताते हुए शिव मंदिर के बाहर रखा दानपात्र चोरी कर लिया।
यह चोरी रविवार रात को हुई, लेकिन मंदिर में मौजूद कर्मचारी और चौकीदार को इसकी भनक तक नहीं लगी। सुबह जब मंदिर कमेटी को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत रामपुर पुलिस चौकी को सूचना दी।

इसके बाद, एएसआई लाल चंद के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी।
सीसीटीवी फुटेज में दिखा चोर
मंदिर प्रशासन द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों में चोर की गतिविधियां रिकॉर्ड हो गई हैं। यह पुलिस के लिए एक अहम सुराग हो सकता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब मंदिर परिसर में सुरक्षा के इतने इंतजाम थे, तो फिर चोरी कैसे हो गई?
- क्या सिक्योरिटी गार्ड अपनी ड्यूटी पर तैनात थे या लापरवाही बरती गई?
- क्या चोर ने पहले से रेकी की थी और सुरक्षा में कोई कमजोरी देखी थी?
- दानपात्र चोरी करने के पीछे क्या कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है, या यह किसी एक व्यक्ति की हरकत है?
पुलिस की जांच और संभावित कदम
- पुलिस सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है और चोर की पहचान करने की कोशिश कर रही है।
- स्थानीय लोगों और मंदिर के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।
- शहर में पहले हुई अन्य चोरी की घटनाओं से इस मामले की तुलना की जा रही है, ताकि पता चल सके कि कोई संगठित गिरोह तो इसमें शामिल नहीं है।
- रामपुर के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा भी बढ़ाई जा सकती है।
- कुछ समय पूर्व नोग़ वैली के शिकारी काली मंदिर से भी इसी तरह चोर दान पात्र ले उसे थे।
मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की बात कही है। स्थानीय लोग इस चोरी से नाराज हैं और उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर रात के समय गश्त बढ़ाई जाए।
यह घटना बताती है कि सिर्फ सीसीटीवी कैमरे और गार्ड तैनात करने से सुरक्षा की गारंटी नहीं होती। जरूरत इस बात की है कि सुरक्षा तंत्र को अधिक सतर्क और प्रभावी बनाया जाए। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी कार्रवाई करती है।