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रामपुर बुशहर में 50 बीघा भूमि पर बनेगा NDRF का बेस सेंटर, 500 जवान होंगे प्रशिक्षित

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एप्पल न्यूज, रामपुर बुशहर

हिमाचल प्रदेश के रामपुर क्षेत्र में नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (NDRF) का बेस सेंटर स्थापित किया जाना आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण निर्णय है।

नगर परिषद रामपुर के डकोल्ड क्षेत्र में लगभग 50 बीघा भूमि एनडीआरएफ को आवंटित की गई है, जहां यह नया केंद्र बनेगा।

इस केंद्र के बनने से हिमाचल प्रदेश के शिमला, किन्नौर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जैसे दुर्गम इलाकों में किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान त्वरित राहत और बचाव कार्यों में मदद मिलेगी।

यह निर्णय क्षेत्र की भौगोलिक और आपदा संबंधी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

आपदा प्रबंधन में एनडीआरएफ का महत्व

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन, बाढ़, भूकंप, बादल फटने और भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाएं आम हैं। सतलुज नदी के किनारे स्थित रामपुर और किन्नौर क्षेत्र विशेष रूप से संवेदनशील हैं, क्योंकि यहां बाढ़ और भूस्खलन का खतरा लगातार बना रहता है।

इसके अलावा, इन इलाकों में सड़क दुर्घटनाएं भी बड़ी संख्या में होती हैं, खासकर पहाड़ी सड़कों पर फिसलन और पत्थरों के गिरने के कारण।

ऐसे में, एनडीआरएफ की स्थायी मौजूदगी से राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सकेगा।

एनडीआरएफ बेस सेंटर के मुख्य लाभ

  1. तेजी से राहत कार्य – आपदा के समय सबसे बड़ी चुनौती समय पर बचाव कार्य शुरू करना होता है। एनडीआरएफ बेस सेंटर बनने के बाद यह सुनिश्चित होगा कि जवान तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य कर सकें।
  2. प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्धता – इस केंद्र में लगभग 500 जवानों के प्रशिक्षण की सुविधा होगी, जिससे आपदा प्रबंधन की क्षमता बढ़ेगी।
  3. स्थानीय प्रशासन और बचाव दलों के साथ समन्वय – जिला प्रशासन, पुलिस, होमगार्ड और अन्य बचाव एजेंसियों के साथ एनडीआरएफ का समन्वय बेहतर होगा, जिससे आपदा के समय राहत कार्यों में बाधा नहीं आएगी।
  4. सड़क दुर्घटनाओं में त्वरित सहायता – हिमाचल की घुमावदार और संकरी सड़कों पर दुर्घटनाएं आम हैं। इस केंद्र के माध्यम से सड़क हादसों में भी त्वरित बचाव संभव होगा।
  5. स्थायी आधार पर उपस्थिति – अभी तक, एनडीआरएफ की एक कंपनी रामपुर के ज्यूरी में अस्थायी रूप से कार्यरत थी, लेकिन अब स्थायी आधार पर इसे स्थापित किया जा रहा है, जिससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी।

पिछली आपदाओं में एनडीआरएफ की भूमिका

पिछले वर्षों में, एनडीआरएफ ने हिमाचल प्रदेश में कई आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 31 जुलाई 2023 को रामपुर क्षेत्र के समेज गांव में आई बाढ़ में कई लोग लापता हो गए थे, जिनकी तलाश में एनडीआरएफ के जवानों ने अहम भूमिका निभाई थी।

इसी तरह, किन्नौर में भूस्खलन की घटनाओं में फंसे लोगों को बचाने में भी एनडीआरएफ ने बड़ा योगदान दिया है।

रामपुर में एनडीआरएफ का बेस सेंटर बनना, स्थानीय लोगों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य करेगा। हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में एनडीआरएफ की तीन कंपनियां (रामपुर, मंडी और नालागढ़ में) कार्यरत हैं, लेकिन इस नए केंद्र के बनने से आपदा प्रबंधन की तैयारियों में और मजबूती आएगी।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार की यह पहल हिमाचल प्रदेश में आपदा से निपटने की रणनीति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है

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