IMG_20250501_120218
IMG-20250530-WA0009
file_00000000784861f8b70cfecce65018fe (1)
previous arrow
next arrow

सरकारी अस्पतालों में 1800 करोड़ खर्च कर बदलेंगे “पुरानी मशीनें”, लोगों को मिलेगा बेहतर ईलाज-CM

file_00000000934c61f8b77af5384f2a351e
file_00000000a3d461f9a909a929a40f939d
file_0000000006c861fb9906286a4ab087a2
file_000000006e746230a2a51781dd51f8fa
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज, शिमला

प्रदेश सरकार राज्य के सरकारी अस्पतालों में लगी 30-40 वर्ष पुरानी मशीनें बदलने वाली हैं, जिसके लिए राज्य सरकार ने लगभग 1800 करोड़ रुपए का प्रावधान कर दिया है। इलाज में देरी होने से मरीज की बीमारी बढ़ती है और इलाज पर खर्च भी बढ़ता है।

सही समय पर बीमारी की पहचान न होने से मरीज का बीमारी पर खर्च 30-50 प्रतिशत बढ़ जाता है। ऐसे में पुरानी मशीनों के कारण मरीजों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इन्हें बदलने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि पूर्व की सरकारों ने पुरानी मशीनरी को बदलने के लिए कोई प्रयास नहीं किया।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर अमल करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर दी है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को कायाकल्प करने के लिए चार बिंदुओं पर काम किया जाएगा।

प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के साथ-साथ रेडियोलॉजी और लैब के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट उपकरण खरीदे जाएंगे।

सभी मेडिकल कॉलेजों में थ्री-टेस्ला मशीनें, 256 स्लाइस वाली हाई-एंड सीटी स्कैन मशीनें, पैट स्कैन मशीनें के साथ-साथ सभी आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि मरीजों की बीमारी सही समय पर पता लगाया जा सके और उन्हें सही इलाज मिल सके। साथ ही मेडिकल कॉलेजों में मॉडयूलर ऑपरेशन थियेटर बनाए जाएँगे।
इसके साथ ही, हिमाचल प्रदेश में अब तक कोई भी बड़ा और आधुनिक कैंसर अस्पताल नहीं है, जिसके लिए कैंसर से ग्रसित मरीजों को अपना इलाज कराने के लिए प्रदेश से बाहर ही जाना पड़ता है।

इसलिए, राज्य सरकार हमीरपुर में 150 बैड का कैंसर केयर सेंटर स्थापित करने जा रही है, जिसमें रेडियेशन थेरेपी के साथ-साथ न्यूक्लियर दवाएं जैसी आधुनिक सुविधाएं कैंसर के मरीजों को उपलब्ध होंगी।

प्रदेश में कैंसर से जूझ रहे मरीजों के इलाज में यह संस्थान मील का पत्थर सिद्ध होगा। इसके अलावा, राज्य सरकार के प्रदेश के 69 स्वास्थ्य संस्थानों में सुविधाओं का विस्तार करेगी, जिसके तहत सभी जोनल अस्पतालों, क्षेत्रीय अस्पतालों, जिला अस्पतालों और सीएचसी में मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

अस्पताल की श्रेणी के हिसाब से इनमें पूर्ण ऑटोमैटिक या सेमी-ऑटोमैटिक लैब, डिजिटल एक्स-रे, हाई-एंड अस्ट्रासाउंड मशीनें, आईसीयू तथा ऑपरेशन थियेटर की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों और अस्पतालों को डिजिटल बनाया जाएगा, ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
स्वास्थ्य विभाग के डाटा के अनुसार प्रदेश में प्रति वर्ष 9.50 लाख मरीज इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जाते हैं, जिससे प्रति वर्ष हिमाचल प्रदेश की जीडीपी को 1350 करोड़ रुपए का नुकसान होता है।

अगर प्रदेश में ही मरीजों को बेहतर इलाज मिले तो प्रदेश के जीडीपी में प्रति वर्ष 550 करोड़ रुपए की बचत होगी और मरीजों का बहुमूल्य समय भी बचेगा।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं, कि प्रदेश में ही मरीजों को बेहतर इलाज मिलना चाहिए और विभाग समयबद्ध तरीके इस योजना को धरातल पर लागू करना सुनिश्चित करें।

Share from A4appleNews:

Next Post

अंतरराष्ट्रीय "किक बाक्सिंग" टूर्नामेंट में चिढ़गांव की बेटियों ने हासिल किया "स्वर्ण पदक"

Fri Feb 14 , 2025
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने दोनों खिलाड़ियों को किया सम्मानितनशे से दूर रखने के लिए चिढ़गांव में चला रही एकेडमी एप्पल न्यूज, शिमला दिल्ली के केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में 1 फरवरी से 5 फरवरी 2025 तक आयोजित चौथी बाॅको इंडिया ओपन इंटरनेशनल किक बाॅक्सिंग टूर्नामेंट में जिला शिमला के चिढ़गांव […]

You May Like

Breaking News