एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने “सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक 2024” लागू कर दिया है, जिससे अनुबंध सेवाकाल में मिले वरिष्ठता (seniority) और वित्तीय लाभ (financial benefits) को खत्म करने का आदेश दिया गया है।
इस फैसले से हजारों सरकारी कर्मचारियों को झटका लग सकता है, जिन्हें पहले अनुबंध सेवाओं के दौरान मिलने वाले लाभ दिए गए थे।
क्या हैं इस फैसले के प्रमुख बिंदु?
1. अनुबंध सेवाकाल अब वरिष्ठता लाभ के लिए मान्य नहीं होगा
पहले, जब सरकारी कर्मचारी अनुबंध (contract) पर कार्यरत होते थे और बाद में उनकी सेवाएं नियमित (regular) होती थीं, तो उनके अनुबंध कार्यकाल को भी उनकी कुल सेवा अवधि में जोड़ा जाता था। इससे उन्हें वरिष्ठता, पदोन्नति (promotion), वेतन वृद्धि (increment) और अन्य वित्तीय लाभ मिलते थे।

अब नए कानून के तहत, कर्मचारियों को उनकी सेवाओं के नियमितीकरण (regularization) की तिथि से ही सभी सेवा लाभ मिलेंगे। यानी, अनुबंध कार्यकाल को वरिष्ठता गणना में नहीं जोड़ा जाएगा।
2. पुराने लाभ वापस लिए जाएंगे – रिकवरी होगी
जिन कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल के आधार पर वेतन वृद्धि, प्रमोशन, या अन्य वित्तीय लाभ मिले थे, उन्हें वापस करना होगा। सरकार ने विभागों को ऐसे कर्मचारियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।
अगर किसी कर्मचारी को गलत तरीके से अधिक वेतन मिला है, तो उसकी वसूली (recovery) की जाएगी। यह उन कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका है, जो वर्षों से इस लाभ का फायदा उठा रहे थे।
3. वरिष्ठता (Seniority) समाप्त – डिमोशन (Demotion) होगा
जिन कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल के आधार पर वरिष्ठता दी गई थी और वे इससे उच्च पदों पर पहुंचे थे, उन्हें अब वापस उनके वास्तविक पद पर भेजा जाएगा।
यानी, जो पदोन्नति (promotion) अनुबंध अवधि के वरिष्ठता लाभ के आधार पर हुई थी, उसे निरस्त किया जाएगा और कर्मचारी को पदावनत (demote) किया जाएगा।
4. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशों को प्रभावहीन बनाया गया
कई कर्मचारियों ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अनुबंध सेवाकाल का लाभ लिया था। कुछ महत्वपूर्ण मामले जिनमें अदालतों ने कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया था:
- CWP No. 2004/2017 (ताज मोहम्मद बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य)
- CWP No. 629/2023
सरकार ने इन मामलों में मिले लाभ को खत्म करने का फैसला किया है। इसका मतलब यह है कि जिन कर्मचारियों ने अदालतों से अनुबंध सेवाकाल के लिए वरिष्ठता और वेतन वृद्धि प्राप्त की थी, वे अब उन लाभों के हकदार नहीं रहेंगे।
5. सभी विभागों में आदेश जारी – लिस्ट तैयार की जा रही है
- शिक्षा विभाग ने पहले ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
- अन्य विभाग भी इसी तरह के आदेश जारी करने की प्रक्रिया में हैं।
- सभी सरकारी विभाग अब उन कर्मचारियों की लिस्ट बना रहे हैं, जिन्होंने अनुबंध सेवाकाल का लाभ लिया है।
सरकार के इस फैसले का असर किन कर्मचारियों पर पड़ेगा?
यह फैसला हिमाचल प्रदेश के हजारों सरकारी कर्मचारियों पर असर डाल सकता है, खासकर उन पर:
- अनुबंध पर कई वर्षों तक काम करने के बाद नियमित हुए कर्मचारी
- जिन्होंने अनुबंध सेवाकाल की वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति पाई
- जिन्होंने अनुबंध सेवाकाल को जोड़कर अधिक वेतन वृद्धि प्राप्त की
- जो पहले से हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के आधार पर लाभ उठा रहे थे
अब इन सभी कर्मचारियों से उनका अतिरिक्त वेतन वसूला जाएगा, पदोन्नति वापस ली जा सकती है, और कुछ मामलों में पदावनत (डिमोशन) भी किया जा सकता है।
सरकार ने यह फैसला क्यों लिया?
- वित्तीय भार कम करने के लिए: अनुबंध सेवाकाल के लाभ देने से सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा था।
- अनुबंध और नियमित कर्मचारियों में भेद बनाए रखने के लिए: सरकार चाहती है कि अनुबंध सेवाएं और नियमित सेवाएं अलग-अलग मानी जाएं।
- कोर्ट केस और विवादों से बचने के लिए: कई कर्मचारियों ने अनुबंध सेवाकाल के लाभ के लिए कोर्ट में केस किए थे, जिससे सरकार पर कानूनी दबाव था।
कर्मचारियों और यूनियनों की प्रतिक्रिया
- कर्मचारियों में इस फैसले को लेकर गहरी नाराजगी है।
- सरकारी कर्मचारी यूनियनें इस फैसले के खिलाफ आंदोलन और कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रही हैं।
- कुछ संगठनों ने इसे “कर्मचारियों के साथ अन्याय” बताया है और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कही है।
- चुनावी साल में यह सरकार के लिए एक बड़ा विवाद बन सकता है।
अगले कदम – क्या होगा आगे?
- कर्मचारी यूनियनें प्रदर्शन और हड़ताल कर सकती हैं।
- कुछ कर्मचारी इस फैसले को फिर से कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं।
- सरकार को विरोध झेलना पड़ सकता है और यह मुद्दा बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है।
- अगर सरकार ने सख्ती से आदेश लागू किया, तो बड़ी संख्या में कर्मचारियों को वित्तीय नुकसान होगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार का यह फैसला अनुबंध कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका है। वेतन बढ़ोतरी, पदोन्नति और वरिष्ठता लाभ वापस लेने से हजारों कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
अगर आप किसी विशेष विभाग से संबंधित जानकारी चाहते हैं या यह जानना चाहते हैं कि यह आदेश आपके ऊपर लागू होता है या नहीं, तो बता सकते हैं!