15 दिन में होगा हिमाचल कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन, “एक व्यक्ति, एक पद” नीति होगी लागू- रजनी पाटिल

एप्पल न्यूज, शिमला

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को एक साल पूरा हो चुका है, और इस दौरान पार्टी ने संगठनात्मक मजबूती पर ध्यान केंद्रित किया है।

हाल ही में कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने घोषणा की कि अगले 15 दिनों में नई कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा।

उनके इस बयान के राजनीतिक निहितार्थ गहरे हैं, क्योंकि इससे कांग्रेस की आंतरिक स्थिरता, भाजपा के खिलाफ रणनीति और 2027 में सत्ता बरकरार रखने की मंशा साफ झलकती है।


1. कांग्रेस कार्यकारिणी का पुनर्गठन: क्या बदलेगा?

रजनी पाटिल ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग कर दी गई है, लेकिन अभी तक प्रदेश अध्यक्ष को हटाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

नई कार्यकारिणी में –
सभी समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
✅ कांग्रेस की “एक व्यक्ति, एक पद” नीति लागू की जाएगी।
✅ पार्टी के भीतर कोई गुटबाजी नहीं है, सभी नेता एकजुट हैं।

🔹 संगठनात्मक मजबूती की रणनीति:

यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब कांग्रेस को अंदरूनी खींचतान, भाजपा के दबाव और आगामी चुनावों की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। नई कार्यकारिणी में मजबूत और प्रभावशाली चेहरों को शामिल करने से कांग्रेस आंतरिक स्थिरता दिखाने की कोशिश कर रही है।


2. भाजपा पर तीखा हमला: आर्थिक संकट और केंद्र से मदद न मिलने का आरोप

रजनी पाटिल ने हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति के लिए पिछली भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में आई आपदा के दौरान केंद्र सरकार से बार-बार राहत राशि की मांग की, लेकिन मदद नहीं मिली

🔹 कांग्रेस का आरोप:

  • हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान केंद्र सरकार ने मदद नहीं दी
  • भाजपा ने राज्य की अर्थव्यवस्था को कर्ज में डुबो दिया और कांग्रेस को खाली खजाना सौंपा
  • मोदी सरकार ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर कांग्रेस सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है

🔹 भाजपा के मिशन लोटस पर तंज:

रजनी पाटिल ने यह भी कहा कि भाजपा का “मिशन लोटस” (कांग्रेस सरकार गिराने की योजना) विफल हो चुका है। यह बयान कांग्रेस के आत्मविश्वास को दर्शाता है कि भाजपा की कोशिशों के बावजूद सरकार स्थिर बनी हुई है।


3. कांग्रेस का 2027 में सत्ता बरकरार रखने का दावा

हिमाचल प्रदेश में हर 5 साल में सरकार बदलने की परंपरा रही है। 2017 में भाजपा सत्ता में आई, और 2022 में कांग्रेस ने वापसी की। लेकिन कांग्रेस को भरोसा है कि वह 2027 में इस मिथक को तोड़कर फिर से सत्ता में लौटेगी

🔹 2027 में दोबारा जीत का आधार:

  1. स्थिर सरकार – कांग्रेस ने भाजपा के मिशन लोटस को नाकाम कर दिया है।
  2. लोकप्रिय नीतियां – मुख्यमंत्री सुक्खू की योजनाओं को जनता का समर्थन मिल रहा है।
  3. भाजपा का कमजोर प्रदर्शन – भाजपा आपदा प्रबंधन और आर्थिक सुधारों में विफल रही।

रजनी पाटिल का बयान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और जनता में “कांग्रेस की स्थिरता और विकासशील छवि” को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है।


🔎 कांग्रेस का बड़ा दांव

1️⃣ नई कार्यकारिणी के गठन से कांग्रेस नेतृत्व को और मजबूती मिलेगी।
2️⃣ भाजपा पर सीधा हमला कर कांग्रेस ने राजनीतिक धार तेज कर दी है।
3️⃣ आंतरिक गुटबाजी से इंकार कर पार्टी ने स्थिरता का संदेश दिया है।
4️⃣ 2027 में सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस ने अभी से माहौल बनाना शुरू कर दिया है।

अब देखना होगा कि कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में किन चेहरों को जगह मिलती है और क्या यह पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को पूरी तरह खत्म कर पाएगी या नहीं। साथ ही, भाजपा इस हमले का क्या जवाब देती है, यह भी अहम होगा

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