एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक 3 मार्च को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित हुई।
इस बैठक में राज्य की प्रशासनिक, आर्थिक और औद्योगिक व्यवस्थाओं से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
इन निर्णयों का उद्देश्य राज्य के सुशासन, वित्तीय पारदर्शिता, शहरी विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और औद्योगिक क्षेत्र में आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना है।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के ये निर्णय प्रशासनिक सुगमता, आर्थिक विकास, शहरी संरचना सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

सरकार द्वारा लिए गए ये फैसले राज्य की जनता को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ औद्योगिक और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने में सहायक होंगे।
1. राज्यपाल अभिभाषण के मसौदे को मंजूरी
कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 8वें सत्र के उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल द्वारा दिए जाने वाले अभिभाषण के मसौदे को स्वीकृति दी।
- यह अभिभाषण 10 मार्च, 2025 को विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।
- इस अभिभाषण में राज्य सरकार की नीतियों, विकास योजनाओं और भविष्य की प्राथमिकताओं का उल्लेख होगा।
- सरकार के बीते वर्ष के कार्यों और आगामी लक्ष्यों को उजागर किया जाएगा।
2. CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) रिपोर्ट 2023-24 को विधानसभा में रखने की स्वीकृति
- कैबिनेट ने CAG रिपोर्ट 2023-24 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पेश करने की मंजूरी दी।
- यह रिपोर्ट सरकार के वित्तीय प्रबंधन, सरकारी खर्चों और परियोजनाओं के निष्पादन पर आधारित होगी।
- CAG रिपोर्ट से सरकार की वित्तीय स्थिति की पारदर्शिता बनी रहती है और राज्य की आर्थिक नीतियों का मूल्यांकन किया जाता है।
3. नगर निकायों में 145 नए पदों का सृजन और भरने की स्वीकृति
राज्य के शहरी विकास को मजबूती देने के लिए विभिन्न नगर निकायों में कुल 145 नए पदों के सृजन और भरने का निर्णय लिया गया। यह पद निम्नलिखित रूप से वितरित किए जाएंगे:
- यह निर्णय राज्य के नगर निकायों के प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए लिया गया है।
- नए कर्मचारियों की भर्ती से शहरों में सफाई, जलापूर्ति, सड़क रखरखाव और अन्य सुविधाओं में सुधार होगा।
4. अटल सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल इंस्टीट्यूट (चामियाना, शिमला) में वरिष्ठ डॉक्टरों की नियुक्ति
स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए अटल सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल इंस्टीट्यूट, चामियाना (शिमला) में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग में दो वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों के पद सृजित और भरे जाएंगे।
- इससे पेट, लीवर और पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों के इलाज में तेजी आएगी।
- हिमाचल के मरीजों को विशेष गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी सेवाओं के लिए बाहरी राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- इस संस्थान में पहले से ही विभिन्न सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं उपलब्ध हैं, और नए डॉक्टरों की नियुक्ति से इसकी गुणवत्ता और बढ़ेगी।
5. पारंपरिक ‘कथा भट्टी’ (Katha Bhatti) को IBR बॉयलर युक्त भट्टी में परिवर्तित करने की स्वीकृति
हिमाचल प्रदेश में खैर के पेड़ से कथा (Katha) और कट्ठा (Cutch) बनाने का पारंपरिक व्यवसाय है, लेकिन यह प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल नहीं थी। इसलिए, सरकार ने परंपरागत कथा भट्टीयों को IBR बॉयलर युक्त कथा भट्टी में बदलने का निर्णय लिया।
इस निर्णय के प्रमुख बिंदु:
- अब सभी कथा भट्टी मालिकों को राज्य के मुख्य बॉयलर निरीक्षक (Chief Inspector of Boilers) के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
- IBR (Indian Boiler Regulation) बॉयलर को अनिवार्य रूप से अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।
- ये बॉयलर अधिक सुरक्षित, ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण-अनुकूल हैं।
- IBR बॉयलर वाले प्लांट पूरे वर्ष में 5435 से 7500 क्विंटल खैरवुड (खैर की लकड़ी) प्रोसेस कर सकेंगे।
- इस कदम से कथा उद्योग अधिक संगठित और नियमन के दायरे में आएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण और अवैध रूप से खैर की लकड़ी की कटाई पर नियंत्रण लगेगा।
कैबिनेट के इन फैसलों का प्रभाव
- राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव:
- राज्य सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करने वाला राज्यपाल का अभिभाषण जनता और विपक्ष के बीच सरकार की स्थिति को मजबूत करेगा।
- बजट सत्र में CAG रिपोर्ट से सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
- शहरी विकास में सुधार:
- 145 नए पदों के सृजन से नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा।
- सफाई, जलापूर्ति, सड़क रखरखाव जैसी शहरी सुविधाओं में गुणवत्ता बढ़ेगी।
- स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार:
- चामियाना (शिमला) में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग में वरिष्ठ डॉक्टरों की नियुक्ति से मरीजों को उच्च स्तरीय उपचार मिलेगा।
- अन्य सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं में भी विस्तार की संभावना बनेगी।
- पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक आधुनिकीकरण:
- IBR बॉयलर लागू करने से हिमाचल के कथा उद्योग को पर्यावरण-अनुकूल और वैज्ञानिक तरीके से संचालित करने में मदद मिलेगी।
- अवैध खैर लकड़ी कटाई पर नियंत्रण लगेगा।
- औद्योगिक मानकों का पालन सुनिश्चित होगा, जिससे कथा उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने में मदद मिल सकती है।