एप्पल न्यूज, शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार 12वीं कक्षा के बाद सीधे बीएड कोर्स शुरू करने पर विचार कर रही है। वह आज यहां सेंट बीड्स कॉलेज, शिमला के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सरकार ने युवाओं को कौशलयुक्त बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा स्टोरेज जैसे नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।
उन्होंने कॉलेज के मेधावी छात्रों के लिए पांच लाख रुपये देने की घोषणा की और कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के संबोधन से यह स्पष्ट होता है कि हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और जलवायु संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों की दिशा में कार्य कर रही है।
ये योजनाएँ राज्य के युवाओं, खिलाड़ियों, महिलाओं और आम नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने में सहायक हो सकती हैं।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए कई बड़े सुधारों की घोषणा की। शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, नशा मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे ये बदलाव प्रदेश के युवाओं और नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
यदि ये योजनाएँ सफलतापूर्वक लागू होती हैं, तो हिमाचल प्रदेश आने वाले वर्षों में एक विकसित और प्रगतिशील राज्य के रूप में उभर सकता है।
- शिक्षा क्षेत्र में सुधार और नए बदलाव
बीएड पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार 12वीं कक्षा के बाद सीधे बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रही है।
वर्तमान में बीएड करने के लिए स्नातक (BA, B.Sc, B.Com) आवश्यक होता है, लेकिन इस नई योजना के तहत विद्यार्थी 12वीं के बाद सीधे बीएड कर सकेंगे।
इससे शिक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या बढ़ेगी और विद्यार्थियों को कम समय में करियर बनाने का अवसर मिलेगा।
नई तकनीकों पर आधारित शिक्षा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा स्टोरेज जैसे आधुनिक विषयों को शिक्षा प्रणाली में जोड़ा जा रहा है।
सरकार युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा देने पर जोर दे रही है, जिससे वे भविष्य में नौकरी के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सकें।
शिक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय Exposure
पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों को सिंगापुर और कंबोडिया में शैक्षणिक भ्रमण के लिए भेजा गया है।
शिक्षकों को भी आधुनिक शिक्षण पद्धतियों को सीखने के लिए विदेश भेजा जा रहा है।
इससे शिक्षकों और छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और नवीनतम तकनीकों का अनुभव मिलेगा।
राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल योजना
प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं।
इन स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ पौष्टिक आहार भी उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।
पिछली सरकार की आलोचना
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार की गलत नीतियों के कारण हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में 21वें स्थान पर पहुँच गया था।
वर्तमान सरकार गुणवत्ता शिक्षा में सुधार करने के लिए कई नए कदम उठा रही है।
- खेल प्रोत्साहन और खिलाड़ियों के लिए नई सुविधाएँ
हिमाचल प्रदेश सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए नए सुधार कर रही है:
डाइट मनी में बढ़ोतरी
राज्य स्तरीय अंडर-17 और अंडर-19 खिलाड़ियों की डाइट मनी को 150 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये किया गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी 250 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दी गई।
अंडर-14 के खिलाड़ियों के लिए राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में डाइट मनी 120 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये और राष्ट्रीय स्तर पर 250 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई।
खिलाड़ियों की यात्रा सुविधाओं में सुधार
राज्य से बाहर प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को अब 200 किलोमीटर की यात्रा के लिए थर्ड-एसी रेल किराया और 200 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए इकोनॉमी क्लास हवाई किराया दिया जाएगा।
इससे खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी और वे अधिक आत्मविश्वास के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकेंगे।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार
अस्पतालों में आधुनिक सुविधाएँ
चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में आधुनिक मशीनें और उपकरण लगाने के लिए 1800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
पहले पुरानी मशीनरी और उपकरणों के कारण बीमारी की जाँच और उपचार में अधिक समय लगता था, लेकिन नई तकनीक से इसे तेजी से किया जाएगा।
सरकार की प्रतिबद्धता
सरकार हिमाचल प्रदेश को स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में लाना चाहती है।
इससे राज्य के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलेंगी।
- महिला सशक्तिकरण के लिए बड़े कदम
लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष
हिमाचल प्रदेश 21 वर्ष शादी की न्यूनतम आयु करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
इसका उद्देश्य महिलाओं को शिक्षा और रोजगार के लिए अधिक अवसर देना और कम उम्र में शादी से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को रोकना है।
सरकार की प्रतिबद्धता
सरकार राज्य में महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्वतंत्रता के लिए कई योजनाएँ चला रही है।
- नशा मुक्त हिमाचल अभियान
युवाओं को नशे से बचाने के प्रयास
प्रदेश सरकार ने राज्य में नशे के खिलाफ अभियान शुरू किया है और इसे जड़ से खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
समाज में जागरूकता अभियान
सरकार स्कूलों, कॉलेजों और समाज के विभिन्न वर्गों में जागरूकता कार्यक्रम चला रही है, ताकि युवा नशे के दुष्प्रभाव को समझें और इससे दूर रहें।
- जलवायु परिवर्तन और हरित ऊर्जा की ओर कदम
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 के दौरान हिमाचल प्रदेश को भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा, जिससे 23,000 परिवार प्रभावित हुए।
सरकार प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए नई योजनाएँ बना रही है।
हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में कदम
हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य को हरित ऊर्जा (Green Energy) हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सरकार सौर और पनबिजली परियोजनाओं को बढ़ावा देकर स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है।