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PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से की कई मांगों पर चर्चा

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एप्पल न्यूज, शिमला

हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री (PWD Minister) विक्रमादित्य सिंह ने नई दिल्ली में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की।

इस दौरान उन्होंने राज्य के शहरी विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया और केंद्र सरकार से विशेष सहायता की मांग की।

हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है, जहां भौगोलिक चुनौतियों और कम जनसंख्या घनत्व के कारण शहरी विकास से जुड़े कार्यक्रमों को लागू करने में कठिनाई होती है।

इसी संदर्भ में, विक्रमादित्य सिंह ने विभिन्न योजनाओं और फंडिंग से जुड़ी मांगें केंद्र सरकार के सामने रखीं।


मुख्य मुद्दे और मांगें:

1. अर्बन चैलेंज फंड (Urban Challenge Fund) में छूट की मांग

विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल प्रदेश की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अर्बन चैलेंज फंड (Urban Challenge Fund) में नरमी (relaxation) देने की अपील की।

  • हिमाचल प्रदेश के शहरों की कम जनसंख्या और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण, वे इस फंड के लिए पात्र नहीं हो पा रहे हैं
  • वर्तमान में इस फंड के लिए जो मानदंड तय किए गए हैं, वे मैदानी राज्यों के लिए अधिक उपयुक्त हैं, लेकिन पहाड़ी राज्यों के लिए वे व्यावहारिक नहीं हैं।
  • इसलिए, उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य के लिए 90:10 अनुपात (केंद्र:राज्य) पर फंडिंग निर्धारित करने का अनुरोध किया।
    • यानी, 90% धनराशि केंद्र सरकार और 10% राज्य सरकार वहन करे।
    • इससे हिमाचल के छोटे शहरों को भी इस फंड का लाभ मिल सकेगा और उनकी पुनर्विकास योजनाओं (redevelopment projects) को गति मिलेगी।

2. “वन स्टेट, वन पोर्टल: CitizenSewa” योजना के लिए ₹70 करोड़ की मांग

हिमाचल प्रदेश सरकार ने National Urban Digital Mission के तहत “One State, One Portal: CitizenSewa” पहल की शुरुआत की है।

  • यह एकीकृत डिजिटल पोर्टल (Integrated Digital Portal) है, जिसका उद्देश्य राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को विभिन्न सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराना है।
  • राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए अपने स्वयं के संसाधनों से प्रारंभिक धनराशि उपलब्ध कराई थी, लेकिन मार्च 2025 तक यह फंड समाप्त हो जाएगा।
  • इसे अगले 5 वर्षों तक सुचारू रूप से चलाने और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार से ₹70 करोड़ की विशेष सहायता की मांग की गई।

यह योजना हिमाचल प्रदेश में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे शहरी प्रशासन में पारदर्शिता आएगी।


3. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) के तहत ₹3.28 करोड़ की मांग

National Urban Livelihood Mission (NULM) का उद्देश्य शहरी गरीबों के लिए रोजगार और आजीविका के अवसर बढ़ाना है।

  • हिमाचल प्रदेश में इस योजना के तहत कुछ देनदारियां (liabilities) बाकी हैं, जिन्हें चुकाने के लिए ₹3.28 करोड़ की मांग की गई
  • इससे शहरी गरीबों को स्वरोजगार, कौशल विकास और छोटे व्यापारों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद मिलेगी।

4. शहरी बुनियादी ढांचे (Urban Infrastructure) और पार्किंग सुविधाओं के लिए विशेष फंड की मांग

हिमाचल प्रदेश के शहरों में भू-स्खलन, सीमित जगह और संकरी सड़कों के कारण पार्किंग और अन्य शहरी बुनियादी ढांचे से जुड़ी समस्याएं गंभीर हैं।

  • शहरी विकास को गति देने और पार्किंग स्थलों (parking spaces) के निर्माण के लिए विशेष धनराशि की आवश्यकता बताई गई।
  • पहाड़ी इलाकों में पर्यटन के बढ़ते दबाव को देखते हुए अधिक मल्टी-लेवल पार्किंग (multi-level parking) और बेहतर यातायात प्रबंधन (traffic management) के लिए केंद्र सरकार से सहायता मांगी गई।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की प्रतिक्रिया

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हिमाचल प्रदेश की जरूरतों को समझते हुए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

  • उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित समाधान निकाला जाएगा
  • Urban Challenge Fund में राज्य के लिए विशेष छूट पर विचार किया जाएगा
  • CitizenSewa पोर्टल, NULM और शहरी बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक फंडिंग की संभावनाएं तलाशने का वादा किया

इस बैठक के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के शहरी विकास के लिए ठोस वित्तीय सहायता की मांग की

  • यदि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश को अर्बन चैलेंज फंड में छूट देती है, तो राज्य के छोटे और मध्यम आकार के शहरों में भी बेहतर शहरी बुनियादी ढांचे का विकास हो सकेगा।
  • “One State, One Portal: CitizenSewa” पहल को केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है, तो राज्य के नागरिकों को डिजिटल सेवाओं का व्यापक लाभ मिलेगा
  • पार्किंग और शहरी विकास परियोजनाओं के लिए विशेष सहायता मिलने से हिमाचल के शहरों को बेहतर यातायात प्रबंधन और बुनियादी सुविधाओं में सुधार का लाभ होगा।

अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इन मांगों पर कब और कितना सहयोग प्रदान करती है।

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