एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली।
सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने अपने दो वर्षों के कार्यों को उपलब्धियों के रूप में पेश किया, जबकि विपक्षी भाजपा ने इसे हर मोर्चे पर विफल करार दिया।
चर्चा के दौरान प्रदेश की आर्थिक स्थिति, आपदा राहत, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लेकर दोनों पक्षों में जमकर आरोप-प्रत्यारोप हुए।
सत्ता पक्ष ने गिनाई उपलब्धियां, केंद्र को ठहराया जिम्मेदार
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की शुरुआत कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने के साथ हुई।
पठानिया ने हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति के लिए पूर्व भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जीएसटी अनुदान बंद होने से प्रदेश को हर साल 3200 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
इसके अलावा, ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू करने के कारण राज्य सरकार की वित्तीय सीमा 1600 करोड़ रुपये कम कर दी गई है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि हिमाचल के कर्मचारियों का 10,000 करोड़ रुपये एनपीएस फंड केंद्र सरकार के पास जमा है, जिसे प्रदेश को वापस नहीं दिया जा रहा।
इसके अलावा, बीते वर्ष आई प्राकृतिक आपदा से 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, लेकिन केंद्र सरकार से अपेक्षित सहायता नहीं मिली। पठानिया ने कहा कि अगर इन सभी आर्थिक मुद्दों को जोड़ा जाए तो हिमाचल प्रदेश को 35,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के दावे
भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। पहली बार गाय और भैंस के दूध के समर्थन मूल्य में 15 रुपये की वृद्धि की गई है, जिससे किसानों और पशुपालकों को सीधा लाभ होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि मनरेगा की मजदूरी में दो वर्षों के भीतर वृद्धि की गई है, जिससे ग्रामीण श्रमिकों की आमदनी बढ़ी है।
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में सुधार के दावे
सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि वर्तमान सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दे रही है।
हर विधानसभा क्षेत्र में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान खोले जा रहे हैं, जिससे जनता को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने कई संस्थान खोले, लेकिन उनमें पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई थी, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई थीं।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कांग्रेस विधायकों ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी राज्य माना जा रहा है।
उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में खोले गए स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई थी, जबकि मौजूदा सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने पर फोकस कर रही है।
पर्यटन और बुनियादी ढांचे को लेकर सरकार के दावे
विधायक आशीष बुटेल ने चर्चा के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने कांगड़ा को पर्यटन राजधानी घोषित कर दिया है और इस दिशा में कई अहम परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए हैं।
विपक्ष का हमला – “सरकार हर मोर्चे पर विफल”
भाजपा विधायकों ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने चुनावी घोषणापत्र में जनता से जो 10 गारंटियां दी थीं, उनमें से एक भी पूरी नहीं हुई।
विधायक डॉ. हंस राज ने कहा कि चुराह विधानसभा क्षेत्र को विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए, क्योंकि वहां की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड का एक डिवीजन बंद कर दिया गया है और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं।
साथ ही, पिछले बरसात के मौसम में आई प्राकृतिक आपदा के कारण कई सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए, लेकिन सरकार ने अब तक इनकी मरम्मत पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
वित्तीय संकट और कर्ज को लेकर भाजपा का हमला
विधायक किशोरी लाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार को भारी वित्तीय संकट विरासत में मिला था, लेकिन सरकार इसे हल करने में पूरी तरह विफल रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के ऊपर 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और सरकारी कर्मचारियों की 10,000 करोड़ रुपये की देनदारी अभी भी बाकी है। इसके बावजूद, प्रदेश सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस नीति नहीं बनाई।
आपदा राहत और केंद्र सरकार से सहयोग का मुद्दा
विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार केंद्र सरकार पर अनावश्यक रूप से दोष मढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आपदा राहत को लेकर कांग्रेस सरकार ने केंद्र के समक्ष उचित प्रस्ताव पेश नहीं किए, जिसके कारण अपेक्षित सहायता नहीं मिल पाई।
नशा तस्करी पर कार्रवाई – दोनों दलों ने जताई चिंता
नशा तस्करी को लेकर दोनों दलों ने एकजुटता दिखाई। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के विधायकों ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई। सरकार ने कहा कि नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है और कई बड़े तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं।
निष्कर्ष – आरोप-प्रत्यारोप के बीच जारी रही चर्चा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।
सत्ता पक्ष ने जहां अपनी उपलब्धियों को गिनाया और केंद्र सरकार से अपेक्षित मदद न मिलने की बात कही, वहीं विपक्ष ने सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए उस पर जनता से किए वादे पूरे न करने का आरोप लगाया।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार विपक्ष के इन आरोपों का किस तरह जवाब देती है और क्या आगामी बजट सत्र में सरकार वित्तीय संकट और विकास योजनाओं को लेकर कोई ठोस रणनीति पेश कर पाती है या नहीं।