एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश में HPPCL (हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत ने राज्य में सियासी हलचल मचा दी है।
बीते 10 मार्च से लापता चल रहे विमल नेगी का शव बिलासपुर के भाखड़ा डैम में बरामद हुआ है, जिससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है।
इस घटना को लेकर विपक्ष ने कानून व्यवस्था और HPPCL प्रबंधन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से HPPCL की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।

विमल नेगी का पहले रहस्यमय तरीके से गायब होना और फिर शव मिलना कई संदेह पैदा करता है। जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि विमल नेगी की पत्नी और कर्मचारियों द्वारा प्रबंधन पर लगाए गए आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए इस पूरे मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह आत्महत्या है या हत्या।
वहीं, सरकार की ओर से भी मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि विमल नेगी का शव मिलने के बाद कई प्रश्न उठ रहे हैं और मुख्यमंत्री से इस विषय में चर्चा की गई है।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी।
इधर, मृतक के परिवार और सहयोगियों द्वारा HPPCL प्रबंधन पर लगाए गए आरोपों के बाद प्रबंधन की भूमिका भी जांच के घेरे में आ गई है।
इस घटना ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर भी सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है।
अब सभी की नजर सरकार के अगले कदम पर टिकी है कि क्या सरकार स्वयं उच्च स्तरीय जांच कराएगी या विपक्ष की मांग पर मामला सीबीआई को सौंपा जाएगा।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच में होने वाले खुलासे विमल नेगी की मौत के पीछे छिपी सच्चाई को सामने लाने में अहम साबित होंगे।