एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश के दृष्टिहीन संघ ने अपने अधिकारों और बैकलॉग कोटे के पदों को भरने की मांग को लेकर शिमला स्थित सचिवालय के बाहर चक्का जाम किया।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई, जिसमें दो लोग घायल हो गए।
इनमें से एक व्यक्ति सड़क से गिरकर गंभीर रूप से घायल हुआ और उसकी टांग टूट गई, जिसे इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में भर्ती कराया गया है। एक महिला सदस्य भी इस झड़प में चोटिल हुई है।
संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने प्रशासन के अनुरोध पर सड़क के एक तरफ बैठने की सहमति जताई, लेकिन स्पष्ट किया कि यदि सरकार सुबह 10:00 बजे तक वार्ता के लिए नहीं बुलाती है, तो अगले दिन फिर से चक्का जाम किया जाएगा।

दृष्टिहीन संघ की मुख्य मांग है कि 1995 के बाद से सरकार ने उनके लिए आरक्षित बैकलॉग कोटे के पदों को नहीं भरा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इन भर्तियों के आदेश भी दिए हैं।
संघ पिछले एक वर्ष से अधिक समय से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
उनका कहना है कि यह न केवल उनके रोजगार का प्रश्न है, बल्कि उनके संवैधानिक अधिकारों और सामाजिक न्याय से भी जुड़ा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद सरकार की उदासीनता ने उन्हें मजबूर किया है कि वे अपने आंदोलन को और तेज करें।
इस विरोध प्रदर्शन से सरकार और प्रशासन पर भारी दबाव बना है। यदि सरकार समय पर वार्ता के लिए नहीं आती, तो आंदोलन और उग्र होने की संभावना है, जिससे न केवल शिमला का यातायात बाधित होगा, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी पड़ेगा।
इस मुद्दे ने प्रशासन की जवाबदेही और दृष्टिबाधितों के अधिकारों की रक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सरकार के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकाले, अन्यथा यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।