एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को छह महीने का सेवा विस्तार मिला है। वे मूल रूप से 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन अब वे 30 सितंबर 2025 तक अपने पद पर बने रहेंगे।
यह सेवा विस्तार केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किया गया है, जिसे हिमाचल प्रदेश सरकार की सिफारिश पर स्वीकृति मिली।

प्रबोध सक्सेना 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। उन्होंने 31 दिसंबर 2022 को हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव का पदभार संभाला था।
वे इससे पहले वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) और अटल इनोवेशन मिशन के प्रमुख पदों पर भी कार्य कर चुके हैं।
सेवा विस्तार क्यों दिया गया?
मुख्य सचिव की नियुक्ति और सेवा अवधि राज्य सरकार की प्रशासनिक नीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सक्सेना का कार्यकाल बढ़ाने के पीछे मुख्य रूप से निम्नलिखित कारण बताए जा रहे हैं:
- वर्तमान परियोजनाओं की निरंतरता – उनके नेतृत्व में कई अहम योजनाएं और विकास कार्य जारी हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए उनके अनुभव की आवश्यकता मानी गई।
- सरकारी नीति क्रियान्वयन – राज्य में वित्तीय और प्रशासनिक स्थिरता बनाए रखने के लिए उनकी विशेषज्ञता उपयोगी मानी जा रही है।
- केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय – सक्सेना केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के साथ हिमाचल प्रदेश के विकास कार्यों के लिए समन्वय स्थापित करने में कुशल माने जाते हैं।
राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से क्या प्रभाव पड़ेगा?
- सक्सेना के सेवा विस्तार के निर्णय से राज्य में नौकरशाही में स्थिरता बनी रहेगी।
- यह भी देखा जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ महीनों में प्रशासनिक बदलाव आ सकते हैं, और इस विस्तार से सरकार को अपनी योजनाओं को सुचारू रूप से लागू करने में मदद मिलेगी।
- विपक्षी दल इसे एक प्रशासनिक निर्णय मानते हुए देख रहे हैं, लेकिन यह भी कह सकते हैं कि सरकार किसी नए अधिकारी को तुरंत नियुक्त करने के बजाय स्थायित्व बनाए रखना चाहती है।
अब आगे क्या?
अब प्रबोध सक्सेना 30 सितंबर 2025 तक मुख्य सचिव के रूप में कार्य करते रहेंगे। इस दौरान वे विभिन्न प्रशासनिक और विकास कार्यों की निगरानी करेंगे और यह भी देखा जाएगा कि क्या उन्हें और अधिक सेवा विस्तार मिलता है या फिर सरकार नए अधिकारी की तलाश शुरू करती है।