एप्पल न्यूज, किलाड़/पांगी/चम्बा
15 अप्रैल, 2025 को हिमाचल प्रदेश के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ जब पहली बार राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह का आयोजन चंबा जिले की दूरस्थ पांगी घाटी के किलाड़ में किया गया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर ध्वजारोहण कर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. परमार को श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह में विभिन्न सुरक्षा बलों की टुकड़ियों ने भव्य परेड प्रस्तुत की।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने पांगी के सर्वांगीण विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने थिरोट से किलाड़ तक 33 केवी विद्युत लाइन बिछाने हेतु ₹45.50 करोड़ तथा टिंडी से शौर तक 11 केवी लाइन के लिए ₹5 करोड़ की घोषणा की। कुल ₹62 करोड़ की विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से घाटी में बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है।
सड़क और परिवहन सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने बताया कि उदयपुर-किलाड़ सड़क परियोजना की टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

इसके साथ ही, 20 नई बस परमिट प्रदान की जाएंगी, बस खरीद पर 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी तथा रोड टैक्स में चार महीने की छूट भी दी जाएगी। संपर्क सड़कों के सुधार हेतु ₹1.5 करोड़ का बजट भी स्वीकृत किया गया है।
पांगी को प्रदेश का पहला प्राकृतिक खेती उपमंडल घोषित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक रूप से उगाई गई जौ के लिए ₹60 प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त ₹5 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड और 10 हजार लीटर क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा।
पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पांगी क्षेत्र में होम स्टे रजिस्ट्रेशन शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। शिक्षा क्षेत्र में सुधार हेतु पांगी में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल की स्थापना की जाएगी और किलाड़ स्थित नागरिक अस्पताल को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। ‘साच’ क्षेत्र को उप-तहसील का दर्जा देने की भी घोषणा की गई।
कृषकों के हित में कृषि ऋण समाधान योजना लागू की जाएगी जिसके तहत ₹3 लाख तक के ऋण पर ब्याज का 50 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी। गाय और भैंस के दूध के लिए क्रमशः ₹51 और ₹61 प्रति लीटर की दर से एमएसपी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक ‘ग्रीन एनर्जी स्टेट’ बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस दिशा में जनजातीय क्षेत्रों में 250 किलोवॉट से एक मेगावॉट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जाएगी।
साथ ही, ₹100 करोड़ की राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के अंतर्गत महिलाओं और युवाओं को वन संरक्षण के साथ-साथ आजीविका अर्जित करने के अवसर मिलेंगे। प्रत्येक समूह को पांच वर्षों में ₹6.40 लाख की सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश को पर्यटन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया है। बिर बिलिंग को ‘एडिटर चॉइस-बेस्ट एडवेंचर डेस्टिनेशन’ और धर्मशाला को ‘बेस्ट माउंटेन डेस्टिनेशन’ का पुरस्कार मिला है।
राज्य को तीन राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं, जिसमें हमीरपुर की सिकंदर पंचायत को जल समृद्ध पंचायत श्रेणी में दूसरा स्थान मिला।
राज्य सरकार द्वारा आयोजित ‘राजस्व लोक अदालतों’ के माध्यम से अब तक 2.75 लाख म्युटेशन केस, 16 हजार से अधिक बंटवारे, 27 हजार से अधिक सीमांकन और 7 हजार से अधिक त्रुटि सुधार मामलों का समाधान किया गया है।
स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए ₹1570 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक उपकरण और PET Scan व MRI मशीनें शिमला व टांडा में स्थापित की जा रही हैं।
शिक्षा विभाग का पुनर्गठन करते हुए अब स्कूल शिक्षा (प्री-नर्सरी से कक्षा 12 तक) और उच्च शिक्षा के लिए दो अलग निदेशालय बनाए गए हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार ने नशा विरोधी अभियान को मिशन मोड में चलाने की घोषणा की है और इसके लिए एक विशेष टास्क फोर्स गठित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन जनजातीय क्षेत्र पांगी के लिए ऐतिहासिक है और यह इस क्षेत्र के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।