एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे के बढ़ते प्रकोप पर प्रभावी नियंत्रण और नशा तस्करी की जड़ तक पहुंचने के उद्देश्य से एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है।
राज्य को तीन जोन में विभाजित कर प्रत्येक जोन के लिए एक-एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के अधीक्षक के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके लिए प्रदेश के तीन सक्षम अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो अब नशे के कारोबार पर सख्ती से नज़र रखेंगे और इससे जुड़े मामलों में विशेष अभियान चलाएंगे।

जारी अधिसूचना के अनुसार खुशाल चंद शर्मा (IPS, HP-2012), जो वर्तमान में 2वीं इंडिया रिजर्व बटालियन (IRBn), सकोह, जिला कांगड़ा में कमांडेंट के पद पर कार्यरत हैं, उन्हें धर्मशाला ज़ोन के लिए STF के अधीक्षक की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसी प्रकार देवाकर शर्मा (IPS, HP-2012), जो 4वीं IRBn, जंगलबेरी, जिला हमीरपुर में कमांडेंट हैं, को मंडी ज़ोन के STF अधीक्षक का दायित्व दिया गया है।
वहीं अमित यादव (IPS, HP-2019), जो 5वीं IRBn, बसी, जिला बिलासपुर में तैनात हैं, अब परवाणू ज़ोन के STF अधीक्षक के रूप में भी कार्य करेंगे।
राज्य सरकार की इस पहल का उद्देश्य न केवल नशा तस्करी पर अंकुश लगाना है, बल्कि नशे के शिकार युवाओं के लिए सुधार और पुनर्वास कार्यक्रम भी चलाना है।

स्पेशल टास्क फोर्स नशा माफिया की पहचान, तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने और नशे की लत से पीड़ित लोगों को इलाज एवं सामाजिक पुनर्स्थापन देने के लिए कार्य करेगी।
इसके साथ ही, समाज में नशे के प्रति जागरूकता फैलाने और जन-सहयोग प्राप्त करने के प्रयास भी किए जाएंगे।
यह कदम प्रदेश में नशे के विरुद्ध छेड़े गए युद्ध में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। अब यह देखना अहम होगा कि प्रशासन और समाज मिलकर इस दिशा में किस हद तक सफलता प्राप्त कर पाते हैं।