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धर्मशाला के “अघंजर महादेव” मंदिर विवाद ने पकड़ा तूल, 3 बाबाओं सहित 10 लोग हिरासत में

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एप्पल न्यूज, धर्मशाला

धर्मशाला के निकट प्राचीन और ऐतिहासिक अघंजर महादेव मंदिर में सोमवार रात एक बड़ी घटना घटी। मंदिर में वर्षों से रह रहे कुछ बाबाओं और स्थानीय समर्थकों ने ADB (Asian Development Bank) द्वारा वित्त पोषित नए पर्यटन भवन का ताला तोड़कर उसमें जबरन प्रवेश कर लिया।

यह भवन पर्यटन विभाग की संपत्ति है, जो मंदिर के विकास और सुविधा हेतु तैयार किया गया था।

इस दौरान पर्यटन विभाग के केयरटेकर के साथ मारपीट हुई, वहीं मंगलवार सुबह जब SDM धर्मशाला मोहित रतन और तहसीलदार अपनी राजस्व टीम के साथ स्थल पर पहुंचे, तो अधिकारियों से दुर्व्यवहार और सरकारी कार्य में बाधा डाली गई।


घटनाक्रम – क्रमवार विवरण

सोमवार देर रात:

मंदिर में रह रहे तीन साधुओं समेत कुछ स्थानीय लोगों ने ADB भवन का ताला तोड़ दिया।

वे सरकारी भवन पर कब्जा कर बैठे और उसे धार्मिक उपयोग के लिए प्रयोग में लेने की कोशिश की।

मंगलवार सुबह:

SDM मोहित रतन, तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम पूर्व निर्धारित दौरे के तहत मंदिर पहुंचे।

टीम ने मंदिर की स्थिति और विवादित भवन का निरीक्षण किया।

इस दौरान साधु वर्ग और सरकारी अधिकारियों के बीच तीखी बहस और विरोध देखने को मिला।

तुरंत प्रभाव से कार्रवाई:

पुलिस और QRT (Quick Response Team) को मौके पर बुलाया गया।

तीन बाबाओं सहित कुल 10 लोगों को हिरासत में लिया गया।

मौके की वीडियोग्राफी भी करवाई गई।


प्रशासन की सख्त कार्रवाई

मंदिर में अवैध रूप से लगाए गए दान पात्रों को हटाने के आदेश दिए गए।

अघंजर महादेव मंदिर कमेटी के कक्ष में बंद आधिकारिक दान पात्रों को मंदिर में पुनः स्थापित किया गया।

अवैध दान पात्रों को सील कर दिया गया।

सरकारी अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत मंदिर को सरकारी नियंत्रण में लाने के लिए आगे की कार्रवाई की जा रही है।


मंदिर का महत्व और चल रहा विवाद

अघंजर महादेव मंदिर का उल्लेख पौराणिक कथाओं में भी मिलता है। माना जाता है कि भगवान शिव कुछ समय यहां ध्यानस्थ रहे थे।

मंदिर में वर्षों से स्थानीय बाबाओं और स्वयंभू साधुओं का नियंत्रण रहा है, जो दान और अन्य गतिविधियों से इसे संचालित करते आए हैं।

अब सरकार द्वारा इसे सरकारी नियंत्रण में लेने की प्रक्रिया शुरू करने पर स्थानीय साधु समाज विरोध कर रहा है।

आर्थिक पारदर्शिता, श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर प्रशासन सख्त है, जबकि बाबाओं का कहना है कि यह धार्मिक मामलों में दखल है।


प्रशासनिक पक्ष

SDM धर्मशाला मोहित रतन ने बताया:

“सरकारी कार्य में बाधा डालने, ताला तोड़कर जबरन कब्जा करने और कर्मचारियों से मारपीट के आरोप में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है। मंदिर में अवैध गतिविधियों को सख्ती से रोका जाएगा।”

जिला प्रशासन के अनुसार:

दान राशि की पारदर्शिता और सरकारी नियंत्रण में धार्मिक स्थलों के संरक्षण के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है।


आगे की संभावित कार्रवाई

हिरासत में लिए गए 10 लोगों से पूछताछ जारी है।

सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल की वीडियोग्राफी के आधार पर FIR दर्ज हो सकती है।

मंदिर को सरकारी ट्रस्ट/कमेटी के अधीन लाने की प्रक्रिया आवश्यक अनुमतियों के बाद शुरू हो सकती है।

स्थानीय जनता और साधु समाज के साथ वार्ता की संभावनाएं भी खुली हैं।

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