एप्पल न्यूज, आनी/कुल्लू
आनी उपमंडल के कराणा क्षेत्र में मंगलवार को हजारों लीटर दूध खड्ड में बहाने की घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार स्थानीय दूध सोसाइटी ने किसानों से सुबह दूध एकत्रित कर कूलर में रखने के लिए जमा किया, लेकिन बिजली खराब होने की वजह से चिलिंग प्लांट काम नहीं कर पाया।
सोसाइटी प्रबंधन दूध को ठंडा न रख पाने के चलते शाम को प्लांट ले गया, मगर तब तक सारा दूध फट चुका था। इसके बाद प्लांट ने दूध वापस लौटा दिया और सोसाइटी ने इसे खड्ड में बहा दिया। देखते ही देखते दूध से खड्ड का पानी सफेद होकर चमचमा उठा।

इस घटना से किसानों में भारी रोष है। उनका कहना है कि यदि सोसाइटी ने समय रहते बैकअप प्रबंध जैसे जनरेटर या अन्य कूलिंग सुविधा उपलब्ध करवाई होती, तो मेहनत की कमाई यूं पानी में न बहती। किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी दूध को खड्ड में बहाने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इससे पर्यावरण प्रदूषित होगा और जलस्रोतों पर निर्भर जलीय जीव भी प्रभावित होंगे।
ग्रामीणों का सुझाव है कि खराब दूध को खड्ड में बहाने की बजाय इसका उपयोग पशु आहार, बायोगैस या खाद के रूप में किया जाना चाहिए था।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और किसानों की मेहनत के संरक्षण के लिए भविष्य में क्या ठोस प्रबंध किए जाते हैं।







