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शिक्षा से जुड़े 4 विभागों “शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आयुष और मेडिकल एजुकेशन” में बीच शैक्षणिक सत्र में “सेवानिवृत्ति पर रोक”

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एप्पल न्यूज, शिमला

हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा से जुड़े चार विभागों—शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आयुष और मेडिकल एजुकेशन—में बीच शैक्षणिक सत्र में होने वाली सेवानिवृत्ति पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार अब जिन कर्मचारियों या शिक्षकों की रिटायरमेंट सत्र के दौरान होनी थी, उन्हें सत्र समाप्ति तक री-इंप्लॉयमेंट पर कार्यरत माना जाएगा।

इस अवधि में उन्हें उनके अंतिम वेतन और पेंशन के बीच का अंतर भुगतान के रूप में मिलेगा, जबकि ग्रेच्युटी, लीव एनकैशमेंट, जीपीएफ और पेंशन कम्यूटेशन जैसे अन्य लाभ केवल री-इंप्लॉयमेंट समाप्त होने के बाद ही दिए जाएंगे।

वित्त (नियमन) विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उन शिक्षकों को जो इस अवधि में सेवानिवृत्त होते, उन्हें sessional re-employment पर रखा जाएगा—जब तक कि सत्र नहीं समाप्त होता।

रिटायर हो रहे शिक्षक या अधिकारी को उनके अंतिम वेतन और पेंशन के बीच का अंतर वेतन के रूप में दिया जाएगा।

ग्रेच्युटी, अवकाश नकदकरण, GPF और पेंशन कम्यूटेशन जैसे अन्य सेवानिवृत्ति लाभ केवल re-employment अवधि पूर्ण होने के बाद मिलेंगे।

यदि कोई शिक्षक यह विकल्प नहीं लेना चाहता है, तो उसे कम से कम 60 दिन पहले सूचित करना होगा। जिनकी सेवानिवृत्ति 60 दिनों के भीतर है, वे तुरंत विकल्प दे सकते हैं।

यह निर्णय शैक्षणिक निरंतरता बनाए रखने और संस्थागत स्थिरता सुनिश्चित करने के मकसद से लिया गया है।

इस नीति का उद्देश्य शैक्षणिक निरंतरता बनाए रखना और विद्यार्थियों की पढ़ाई को बीच सत्र में बाधित होने से बचाना है।

इससे स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, मेडिकल और आयुर्वेद कॉलेजों, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजों में अचानक पद खाली नहीं होंगे।

वहीं सरकार के लिए यह फैसला आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी है, क्योंकि पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों का बोझ अगले वित्त वर्ष तक टल जाएगा।

यदि कोई कर्मचारी इस योजना का लाभ नहीं लेना चाहता है तो उसे अपनी सेवानिवृत्ति से कम से कम 60 दिन पहले विकल्प पत्र भरना होगा।

जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति 60 दिनों से कम समय में है, वे अधिसूचना लागू होने के तुरंत बाद विकल्प दे सकते हैं। इस फैसले से सरकार ने स्पष्ट किया है कि सेवानिवृत्ति अब शैक्षणिक सत्र की समाप्ति तिथि के अनुसार ही होगी।

जैसे स्कूल और मेडिकल एजुकेशन के लिए 31 मार्च 2026, आयुष के लिए 30 अप्रैल 2026, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजों के लिए 30 जून 2026 तथा आईटीआई के लिए 31 जुलाई 2026।

री-इंप्लॉयमेंट की शर्तें

बीच सत्र में रिटायर होने वाले कर्मचारी सत्र पूरा होने तक कार्यरत रहेंगे।

उन्हें वेतन मिलेगा = अंतिम वेतन – पेंशन राशि

ग्रेच्युटी, लीव एनकैशमेंट, कम्यूटेशन, GPF इत्यादि का भुगतान री-इंप्लॉयमेंट समाप्त होने के बाद होगा।

विकल्प की आवश्यकता

    कर्मचारी चाहे तो री-इंप्लॉयमेंट का विकल्प चुन सकते हैं या मना कर सकते हैं।

    यदि विकल्प नहीं लेना है तो रिटायरमेंट से 60 दिन पहले फार्म भरना अनिवार्य है।

    जिनकी रिटायरमेंट 60 दिन से कम समय बाद है, वे तुरंत विकल्प दे सकते हैं।

      शिक्षण संस्थानों में अचानक पद खाली नहीं होंगे। राज्य की आर्थिक स्थिति देखते हुए, पेंशन का बोझ अगले वित्त वर्ष तक टल जाएगा।

      संबंधित एकेडमिक सेशन (Retirement अब इनकी तिथियों तक होगी)

      स्कूल एजुकेशन – 31 मार्च 2026

      मेडिकल एजुकेशन – 31 मार्च 2026

      आयुष एजुकेशन – 30 अप्रैल 2026

      आईटीआई संस्थान – 31 जुलाई 2026

      पॉलिटेक्निक कॉलेज – 30 जून 2026

      इंजीनियरिंग कॉलेज – 30 जून 2026

      फार्मेसी कॉलेज – 30 जून 2026

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