देवस्थलों पर जाने की लिमिट हो निर्धारित
एप्पल न्यूज, शिमला
प्रदेश में भारी बारिश के बाद आपदा से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। प्रदेश बारिश के कारण 1250 सड़कें बंद पड़ी हैं। लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि बारिश में अब कमी आई है ऐसे में जिन्हें खोलने का प्रयास लगातार जारी है।
उन्होंने बताया कि हर बार आपदा के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग और लिंक रोड बाधित हो जाते हैं। इस बार भी क्लवट बंद होने से नुकसान कई गुना बढ़ा है।
मंत्री ने कहा कि भविष्य में किसी भी नई सड़क निर्माण कार्य में यदि अधिकारी लापरवाही बरतते हैं और वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन पाया जाता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि अवैध डंपिंग पर रोक लगाने के लिए ENC और पीडब्ल्यूडी सचिव को कड़े निर्देश दिए हैं। नदी-नालों में डंपिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है और इस पर तुरंत कार्यवाही की जाएगी।

ढली से रामपुर फोरलेन निर्माण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि डीपीआर में पहाड़ों और पेड़ों की कटिंग न हो टनल निर्माण ज्यादा से ज्यादा किया जाए इसमें जोर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस बार प्राकृतिक आपदा से पीडब्ल्यूडी विभाग को 2500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि आपदा में लोकनिर्माण विभाग को 1499 करोड़ रुपये की मदद मिली है।
वहीं विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल देव भूमि है। प्रदेश में मंदिर और तीर्थस्थान हैं उनके साथ अनावश्यक छेड़छाड़ विकास के नाम पर हो रही है। हजारों करोड़ मीट्रिक टन कूड़ा इन देव स्थानों से निकल रहा है।
देव स्थानों को अपवित्र किया जा रहा है ये चिंता का विषय है। मामले में मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी और देवस्थलों पर जाने की लिमिट सुनिश्चित करने की मांग की जाएगी।
देवस्थान की पवित्रता और मान्यताओं को बनाए रखना जरूरी है। विकाश होना है ये तय है लेकिन विकास करवाना है या विनाश स्वरूपी विकास करवाना है ये निर्णय लेना पड़ेगा।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की रिज पर लगी प्रतिमा के अनावरण को लेकर विक्रमादित्य ने कहा कि इसकी तारीख पहले तय हो चुकी थी, लेकिन आपदा की घड़ी में लोगों की भावनाओं को देखते हुए यह कार्यक्रम फिलहाल टाल दिया गया है। अब प्रतिमा का अनावरण अक्टूबर में तारीख निर्धारित कर अनावरण किया जाएगा।
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी का आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा प्रस्तावित है। विक्रमादित्य ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस त्रासदी को लेकर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मदद करनी चाहिए।
हिमाचल को पीएम दूसरा घर बताते है उन्हें आना चाहिए। राजनीति अपनी जगह है प्रदेश को पूरा सहयोग केंद्र से मिलना चाहिए केंद्र हिमाचल को आपदा प्रभावित राज्य घोषित करना चाहिए।






