IMG-20251108-WA0021
previous arrow
next arrow

हिमाचल सरकार ने दी जनजातीय विकास को गति, 35000 से परिवारों को लाभान्वित करने के लिए 3000 करोड़ का निवेश

IMG-20251110-WA0015
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज, शिमला

समावेशी और संतुलित विकास को प्राथमिकता देते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों के विकास कार्यों पर पिछले अढाई वर्षों में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ जनजातीय विकास को गति प्रदान की है।

इस पहल से बेहतर बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुंच, आजीविका सृजन कार्यक्रमों और बेहतर सामाजिक सेवाओं के माध्यम से 35,000 से अधिक जनजातीय परिवारों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त हुआ है। नई सड़कें, पुल, आवासीय विद्यालय, स्वास्थ्य सुविधाएं और समुदाय परिसंपत्तियों तथा हस्तक्षेप सामाजिक-आर्थिक परिदृष्य में लगातार बदलाव ला रहे हैं।
जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम को 2022-23 के लिए 855 करोड़ रुपये, 2023-24 में 857.14 करोड़ रुपये, 2024-25 में 890.28 करोड़ रुपये और 2025-26 के लिए 638.73 करोड़ रुपये के प्रस्तावित बजटीय प्रावधानों के साथ एक मजबूत वित्तीय आधार तैयार किया है।

सड़क, पुल, परिवहन अवसंरचना और सार्वजनिक भवनों सहित प्रमुख नागरिक कार्यों के लिए 2022-23 में 290.58 करोड़ रुपये, 2023-24 में 287.99 करोड़ रुपये और 2024-25 में 62.92 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई, जबकि 2025-26 के लिए 125.06 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
ऊंचे और कम आबादी वाले क्षेत्रों में सेवा वितरण की चुनौती को समझते हुए, सरकार ने दूरदराज के बस्तियों में बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं को सुदृढ़ किया है। स्वास्थ्य उप-केंद्रों का उन्नयन किया गया है, मोबाइल आउटरीच और रेफरल इकाइयां स्थापित की गई हैं, जबकि पेयजल और बिजली आपूर्ति को और अधिक विश्वसनीय बनाया गया है। बागवानी, पशुपालन और स्थानीय उपज के मूल्यवर्धन से जुड़ी आजीविका सहायता ने जनजातीय परिवारों की आय को स्थिर करने में मदद की है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत, किन्नौर, पूह और स्पीति में 75 सीमांत बस्तियों के लिए विकास योजनाएं तैयार की गई है और सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, सामाजिक सेवाओं और आर्थिक अवसरों को मज़बूत करने के लिए विकास योजनाएं तैयार की गई हैं। इन गाँवों में कनेक्टिविटी, आवास और सामुदायिक संपत्तियों पर काम शुरू हो चुका है।
इसके अतिरिक्त शिक्षा क्षेत्र को भी प्राथमिकता पर रखा गया है। निचार, भरमौर, पांगी और लाहौल में चार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में वर्तमान में 1,008 विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जहां छठी कक्षा में हर साल 150 नए प्रवेश होते हैं। पांगी और लाहौल में नए स्कूल और छात्रावास परिसरों का निर्माण कार्य चल रहा है जिसके लिए क्रमशः 2 करोड़ रुपये और 1.90 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। सरकार ने 20-सूत्रीय कार्यक्रम के तहत अपने लक्ष्यों को हासिल करते हुए 2022-23 में 7,502 परिवारों के मुकाबले 2023-24 में 8,598 परिवारों, 2024-25 में 6,573 परिवारों के लक्ष्य के मुकाबले 12,663 परिवारों को कवर किया गया, जो लक्ष्य से लगभग दोगुना है। 2025-26 के लिए 6,314 परिवारों को लक्षित किया गया है।
वन अधिकार अधिनियम का समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, जनजातीय जिलों में अधिकारियों और सामुदायिक प्रतिनिधियों को गहन प्रशिक्षण दिया गया। जून 2025 तक, 901 भूमि अधिकार जिनमें 755 व्यक्तिगत और 146 सामुदायिक शामिल हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अप्रैल 2025 में लंबित दावों के एक समान और समयबद्ध निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए वन अधिकार अधिनियम कार्यान्वयन कैलेंडर भी जारी किया गया है।
सरकार द्वारा स्थायी जनजातीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के लिए 40.29 करोड़ रुपये की लागत से भूमि हस्तांतरण, वैधानिक मंज़ूरियां और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का कार्य पूरा कर लिया है, जो जनजातीय विकास के लिए अनुसंधान, क्षमता निर्माण और साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को गति प्रदान करेगा। निरंतर वित्त पोषण, मापनीय परिणामों और आवासीय विद्यालयों और एफआरए पट्टों के विस्तार से लेकर सीमावर्ती गांव के उन्नयन से लेकर विकास प्रस्तावित अनुसंधान संस्थान तक, संस्थागत निरंतरता के साथ, राज्य सरकार ने जनजातीय विकास को घोषणाओं से आगे बढ़ाकर जमीनी स्तर पर प्रत्यक्ष कार्यान्वयन की ओर अग्रसर किया है।
सरकार की पहल व विकास धरातल पर दिख रहा है और जनजनातीय समुदाय के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रही है।

Share from A4appleNews:

Next Post

चम्बा होली क्षेत्र के आपदा प्रभावित सलूण व भटोला गांव के संभावित कारणों की जांच को गठित होगी तकनीकी कमेटी–जगत सिंह नेगी

Mon Oct 20 , 2025
कुलेठ घार के स्थाई समाधान को प्राक्कलन के आधार पर मिलेगी धनराशि एप्पल न्यूज, होली,(चंबा) राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जनजातीय उप मंडल भरमौर के अंतर्गत होली क्षेत्र का प्रवास किया।  स्थानीय विधायक डॉ. जनक राज भी इस दौरान विशेष रूप […]

You May Like

Breaking News