एप्पल न्यूज, शिमला
विश्व विकलांगता दिवस पर हिमाचल सरकार ने दिव्यांगजन के हित में बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन व पब्लिक भत्ता नियम 2010 में संशोधन करते हुए दिव्यांग राहत भत्ता की पात्रता में महत्वपूर्ण बदलाव किया है।
अब 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को अभिभावक की आय या नौकरी की स्थिति की परवाह किए बिना राहत भत्ता दिया जाएगा।

पहले नियमों में यह प्रावधान था कि यदि दिव्यांग व्यक्ति के अभिभावक सरकारी सेवा में हों, तो उन्हें राहत भत्ता नहीं मिल सकता।
इस कारण बड़ी संख्या में दिव्यांगजन लाभ से वंचित रह जाते थे। अब सरकार ने अभिभावक वाली शर्त को पूरी तरह हटाते हुए दिव्यांगों को राहत देने का निर्णय लिया है।
किन दिव्यांगों को मिलेगा लाभ
संशोधित प्रावधान के अनुसार ऐसे दिव्यांग व्यक्ति पात्र होंगे—
जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या उससे अधिक हो (चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित)
जो स्वयं सरकारी, अर्द्ध सरकारी, बोर्ड, निगम आदि में कार्यरत न हों
जो किसी भी प्रकार की पेंशन नहीं ले रहे हों
जो इनकम टैक्स नहीं देते हों
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि दिव्यांग राहत भत्ता के लिए किसी भी तरह की आय सीमा या आयु सीमा लागू नहीं होगी।

इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्याम भगत नेगी की ओर से बुधवार को आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई। इसके साथ ही संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
सरकारी सेवा में कार्यरत अभिभावकों के चलते राहत भत्ता न मिलने की समस्या लंबे समय से उठती रही है। नए संशोधन को दिव्यांग समुदाय द्वारा बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं सामाजिक संगठनों ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।






