आवश्यक खर्च करने के लिए हिमाचल में मजदूरों को दिए जाएं 7500 रुपये- माकपा

एप्पल न्यूज़, शिमला
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण देश व प्रदेश में लॉकडाउन व कर्फ्यू लागू किए आज 25 दिन से अधिक समय हो गया है। इस दौरान सबसे अधिक परेशानी मजदूर वर्ग विशेष रूप से ध्याड़ीदार व प्रवासी मजदूर को उठानी पड़ रही है। लॉकडाउन व कर्फ्यू के कारण मजदूर वर्ग को रोजी रोटी का गम्भीर संकट हो गया। उच्चतम न्यायालय के 31 मार्च, 2020 व केंद्र सरकार के 1 अप्रैल, 2020 व 12 अप्रैल, 2020 के स्पष्ट आदेशों के बावजूद भी कुछ एक राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों के द्वारा इनकी रोटी, रहने व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं के लिए कोई भी कदम नही उठाए हैं।

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भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) नेता संजय चौहान ने कहा कि पार्टी मांग करती है कि सरकार इन मजदूरों को इस विषम परिस्थिति में राहत हेतू तुरन्त ठोस कदम उठाए। प्रदेश में सभी गरीब, जरूरतमंद, दिहाड़ीदारों व प्रवासी मजदूरों को कम से कम एक महीने का मुफ्त राशन जहाँ भी वह रहते हैं वहीं उपलब्ध करवाए। इनके रहने का उचित प्रबन्ध किया जाए। सरकार इनको कम से कम 7500 रुपये आवश्यक खर्च करने के लिए दे। जो मजदूर बाहरी राज्यों से हिमाचल में इस दौरान फंसे हैं और वापिस जाना चाहते हैं वहां की संबंधित राज्य सरकारों से बात कर उनको अपने घर लौटने का नियमानुसार प्रबंध करना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में भी कश्मीर, बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा व अन्य बाहरी राज्यों से हजारों की संख्या में मजदूर निर्माण, उद्योग, वाणिज्य, कृषि व बागवानी, वन आदि क्षेत्रों में काम करने के लिए आते हैं। परन्तु लॉकडाउन व कर्फ्यू के कारण इनका भी रोजी रोटी व रहने का संकट हो गया है। उच्चतम न्यायालय व केंद्र सरकार के आदेशों के बावजूद प्रदेश सरकार के द्वारा गरीब, जरूरतमंद व प्रवासी मजदूरों के लिए कोई भी राहत कार्य नही चलाया गया है। कुछेक संस्थाओं, संगठनों व व्यग्तिगत रूप से कुछ लोगो के द्वारा कुछ राहत प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। परन्तु यह इनकी रोटी, रहने व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर रहा है और जैसे जैसे समय बीत रहा है यह संस्थाएं व संगठन भी संसाधनों के अभाव से अब राहत नही दे पा रहे हैं। जिससे इस मजदूर वर्ग का संकट और विकट हो रहा है। इस विषम परिस्थिति से पैदा हुए आतंक के माहौल से यह मानसिक प्रताड़ना के शिकार हो रहें हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश सरकार को तुरन्त राहत हेतू ठोस कदम उठाने चाहिए। यह भी देखा जा रहा है इन राहत कार्यों में जुटी हुई संस्थाओं व प्रशासन पर बेवजह राजनीतिक व अन्य दबाव के कारण बहुत से मजदूर आज राहत से वंचित हैं और इनको आज इतने दिन बीतने के पश्चात कोई भी राहत प्राप्त नही हुई है। सरकार इस प्रकार के भेदभावपूर्ण हस्तक्षेप को बन्द करे और प्रशासन को तुरन्त आदेश जारी करे कि निष्पक्ष रूप से इस संकट के समय सबको रोटी, रहने व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाया जाए।
सी.पी.एम. सरकार से मांग करती है कि आज इस मानवता पर संकट से पैदा विषम परिस्थिति से निपटने के लिए अविलम्ब एक व्यापक राहत पैकेज लागू करे, ताकि प्रदेश में कोई भी इस आपदा के समय में भूखा न रहें और उसे मानसिक प्रताड़ना से भी राहत मिले। इस संकट के दौर में सरकार जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन सजगतापूर्वक कर जनता को राहत दे।

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