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ओलावृष्टि ने तोड़ी हिमाचल के 30 हजार बागवानों की कमर, 5 जिलों में 13,500 हेक्टेयर भूमि पर फल तबाह

एप्पल न्यूज़, शिमला

हिमाचल प्रदेश में 30 हजार बागवानों पर मौसम की मार पड़ी है। प्रदेश सरकार के पास विभिन्न जिलों से फलों को हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट पहुंची है। अभी तक के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 5 जिलों के बागवानों की फसलें बारिश और ओलों ने तबाह कर दी हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार जिला शिमला, सिरमौर, मंडी, कुल्लू और हमीरपुर के बागवानों को फसली नुकसान हुआ है। बागवानों को गुठलीदार फलों खासकर चेरी, बादाम, खुमानी, पलम, आड़ू फलों को नुकसान पहुंचा है।

राज्य मुख्यालय पहुंची बागवानी क्षेत्र की क्षति रिपोर्ट के अनुसार बारिश और ओलों से प्रदेश में कुल 13,600. हेक्टेयर जमीन में फलों को नुकसान हुआ है। प्रदेश के पांच जिलों में कुल  इसमें से 30.11 करोड़ की फसलें खराब हुई हैं। इन जिलों में 22,753 मध्यम श्रेणी, 2736 लघु और 2493 अन्य श्रेणी के बागवानों को फसली नुकसान होने की रिपोर्ट है। प्रदेश के कुल  29,982 बागवानों की फसलों को भारी बारिश और ओलो से नुकसान पहुंचा है। 


उधर,ननखड़ी खण्ड में कुदरत ने ओलाबृष्टि के रूप में कहर बरपाया है। इस से ननखड़ी खण्ड की 7 पंचायतों में करोड़ो रूपये का सेब नष्ट हुआ. है। लोगो का कहना है कि सौ साल में पहली बार ऐसी भयंकर ओलाबृष्टि नही हुई थी । इस से किसानों की साल भर की कमाई 15 मिंट में तबाह हुई है। ओले इतने बड़े और तेज थे कि सेब तो झड़ ही गए बीमे भी टूट गए और पेड़ो के छिलके उतर गए। यहां तक कि लोगो की छतें, पानी की टंकियां, प्लास्टिक की कुर्सियां आदि में छेद हो गए।लोगो ने सरकार से मांग की है कि अब उन्हें साल भर का गुजारा करना मुश्किलः है। उन का जीवन बागवानी पर ही आश्रित है। ऐसे में उन के केसीसी लॉन माफ हो, चार माह का राशन व पौधों की दवाएं मुफ्त दी जाए।
ओलाबृष्टि से शिमला ज़िला के रामपुर उपमंडल के तहत ननखडी तहसील की ननखडी, बगलती ,अड्डू , गाहान, खुन्नी पनोली , जाहु , व खड़ाहन पंचायतों मे भारी ओलाबृष्टि हुई है। इस ओला बृष्टि से सेब , चेरी, खुमानी, प्लम, आड़ू,, नाशपाती व सब्जियां कब खत्म हो गई है।
वेसे ही इस बार बागवान कोरोना महामारी की मार से हताश थे ।क्यो की न तो समय पर बागों में काम करने के लिए मजदूर, और न ही समय पर दवाएं। अब ओलाबृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
खडाहन पंचायत के प्रधान कमला नन्द ने बताया कि ओलाबृष्टि से जो नुकसानी हुई है वो अपने जीवन के 66 वर्षों में नही देखा। इस मे अखरोट के दाने के बराबर ओले गिरे। यहां सेब , खुमानी, बादाम, नाशपाती व सब्जियों को भारी क्षति हुई है। सरकार यहां के लोगो की मदद करे। क्यो की जो नुकसान हुआ है वो पांच सालों में भी भरपाई सम्भव नही।
शिव राम श्याम पूर्व पंचायत समिति सदस्य ने बताया कि हमारे ननखड़ी तहसील की 7 पंचायतों में ओलाबृष्टि से जो नुकसान हुआ है ।इस से सेब चेरी ही नही घरों की चादरें, पानी की टँकीया, बाहर रखी प्लास्टिक की कुर्सियां सब मे छेद हुए है।सरकार से मांग है कि लोगो के केसीसी लोन माफ हो। चार माह का राशन और सेब की दवाइयां मुफ्त दी जाए।
-दलीप सिंह खडाहन निवासी ने बताया कि हमते यहां ओलाबृष्टि से सारी नकदी फसलों नष्ट हो गई। ऊंन की आर्थिकी को ग्रहण लग गया है।जीवन आगे कैसे चलेगा प्रश्न चिन्ह लग गया है।
बृज लाल कैलाश फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष ने बताया ओलाबृष्टि के रूप में प्राकृतिक आपदा ननखड़ी क्षेत्र में आई है। जिस से फ्रूट, पत्ते, बीमे,टहनियां, जमीन पर आ गई। यह नुकसान सिर्फ इस साल नहीं कई सालो का नुकसानहै। नुकसानी का सरकार जायजा ले और लोगो को राहत पहुंचाई जाये।

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