एप्पल न्यूज़, शिमला
कुलदीप राठौर ने 12 करोड़ के बिल मामले में सीएम को जवाब देते हुए कहा कि \’मैं अध्यक्ष बनने से पहले भी काला कोर्ट पहन के वकालत करता था, मेरे भी बहुत मित्र है। सीएम बताए उनके कौन ऐसे मित्र है जिससे 12 करोड़ बिल की जानकारी मिली, बिना हस्ताक्षर के पत्र को कैसे सीएम कांग्रेस से जोड़ सकते है। यदि सोशल मीडिया से भी जानकर मिली तो दुर्भाग्य है कि एक सीएम बिना हस्ताक्षर के एक ऐसे दस्तावेज पर भरोसा कर रहे है। सीएम बताए यदि पत्र भेजा भी तो क्या नरेंद्र मोदी को भेजा अमित शाह को भेजा, किसे बिल भेजा सीएम बताएं। सीएम आधी अधूरी जानकारी के कांग्रेस पर सवाल उठा रहे हैं। सीएम के आरोपो को उन्होंने सिरे से नकारा और सीएम को नसीहत दी कि अच्छे सलाहकार रखिये। सीएम बिल सामने रखे अन्यथा कानूनी कार्यवाही के लिए तैयार रहे।
सीएम जयराम ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि जब भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंकने में व्यस्त थी। कांग्रेस उस समय कोरोना महामारी से लड़ने के लिए तैयारी कर रही थी। लोगों को जागरूक कर रही थी और सरकार से भी बार – बार कोरोना महामारी से बचाव की तैयारी करने का आग्रह कर रही थी। मगर सरकार और भाजपा पार्टी 2022 चुनाव की तैयारी में लगे थे। कांग्रेस ने उस समय भी सवाल उठाए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं धूमल और शांता ने भी भ्रष्टाचार का मामला उठाया। 5 लाख के लेन देन का ऑडियो सामने आने के बाद कांग्रेस ने निष्पक्ष जांच की मांग की थी और कहा था कि इस घोटाले में भाजपा के नेता के तार जुड़े है। कांग्रेस के दबाव में बिंदल ने इस्तीफा देना पड़ा। मगर सीएम भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। उन्होंने मांग की है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती तब तक सीएम जयराम आने पद से इस्तीफा दें। उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले बढ़ने के पीछे सरकार व अफसरशाही को जिम्मेदार ठहराया।
सरकार बताए कि कोरोना महामारी के अंतराल में कितने लोगों की मदद की बल्कि इसके विपरीत लोगों से फंड के नाम पर मन्दिरो, आम लोगों से पैसा वसूला। सीएम बताए राहत कोष में कितना पैसा आया कितना लोगों में बांटा। पीएम केयर फंड में भी कोई पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने सवाल उठाए कि क्या ये पैसा भाजपा का है या मोदी का है?