शर्मा जी, एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में जल्द ही बड़ी उथल पुथल हो सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि शनिवार को हिमाचल की सियासत में घमासान हो सकता है। सूत्रों के अनुसार जयराम सरकार से नाराज एक धड़ा मुखर हो गया है। हर तरफ से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर सियासत में उफान लाने की रणनीति बनाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश भाजपा सरकार एक धड़े को पूरी तरह से इग्नोर कर रही है। क्षेत्र में कोई रैली, कर्यक्रम या फिर कोई दौरा होता है तो उस धड़े को पूरी तरह कार्यकर्मों से दूर रखा जा रहा है। इससे नाराज इस धड़े ने अब मन बना लिया है कि या तो इस इग्नोरेंस को दूर किया जाए या फिर कुछ और रणनीति के तहत खुद को इग्नोर महसूस न होने दिया जाए। जब अपनी ही सरकार में अपने इग्नोर हो तो फिर विस्फोट होना तय है। ऐसे में शनिवार को एक बड़े विस्फोट के संकेत मिल रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इसमें बड़े जन प्रतिनिधि और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुने हुए लोग हैं जो अब अपनों के खिलाफ आवाज उठाने को मजबूर हो गए हैं।
गौर हो कि कांगड़ा में विधायक रमेश धवाला पहले ही मोर्चा खोल चुके हैं। उन्होंने खुलकर अपनी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है। अब भाजपा के नेता और विधायक सहित पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भी सफाई दी रहे हैं। यहां तक कि धवाला पर अनुशासनात्मक कार्रवाई तक करने की बात की जा रही है।
इस स्थिति में यदि और भी विधायक, नेता या प्रतिनिधि सरकार के खिलाफ मुखर हो जाते हैं तो सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। सूत्र तो यहाँ तक बता रहे हैं कि भाजपा के भीतर सुलग रही बगावत की चिंगारी अब और भड़कने लग गई है। जिसे बस थोड़ी सी हवा मिल जाये तो बड़ा विस्फोट भी हो सकता है, जिसे रोकने के लिए सरकार के मुखिया को भरसक प्रयत्न करने पड़ेंगे।
हमारी निगाहें भी इस पूरे राजनीतिक घमासान पर टिकी हैं। देखना होगा कि आखिर राजनीति की बिसात पर मोहरे क्या चाल चलते हैं। शह और मात के इस खेल में बाजी कौन जीतता है ते देखने वाली बात होगी। यूं भी अभी सरकार को बने महज अढ़ाई साल हुए हैं।