एप्पल न्यूज़, जुब्बल कोटखाई
सेब बाहुलीय क्षेत्रों में प्रर्याप्त कोरोना टेस्टिंग किट के अभाव के चलते श्रमिकों के कोरोना टेस्ट नही हो पा रहें। यह बात जुब्बल नावर कोटखाई के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने एक ब्यान ज़ारी करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जहां भाजपा सरकार सरकारी ख़र्च पर श्रमिकों को सेब बाहुलीय क्षेत्रों में लाने की बात करती थी ।
वहीं अब सरकार की उदासीनता के चलते बागवानों द्वारा संस्थागत संगरोध (Institutional Quarantine Center) केंद्रों में रखे श्रमिकों के निश्चित समय पर कोरोना टेस्ट करवाने में भी विफ़ल हो रही हैं। कोरोना महामारी के चलते बागवान पहले ही श्रमिकों की भारी कमी से जूझ रहा है वही कोरोना टेस्टिंग किट के अभाव के चलते कई दिनों तक श्रमिकों को संस्थागत संगरोध केन्द्र (Institutional Quarantine Center) में रहने को मजबूर किया जा रहा हैं जिससे बागवानों को दोगुणा आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ रहा हैं।
नियमानुसार संस्थागत संगरोध केंद्र में रखे गए लोगों के छठे दिन कोरोना टेस्ट होने चाहिए जबकि 10 से 12 दिनों तक श्रमिकों को संस्थागत संगरोध केंद्र (Institutional Quarantine Center) में रखने के बाद भी कोरोना टेस्ट नही हो रहें। कम फ़ल उत्पादन और भारी ओलावृष्टि के चलते सेब की फ़सल पर प्रतिकूल असर पड़ा हैं, वही श्रमिकों की भारी कमी के चलते नाशपाती जैसे जल्दी ख़राब होने वाले फ़ल बगीचों में ही ख़राब हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आढ़तियों, लदानियों के लिए (Quarantine Time) संगरोध समयसीमा पांच दिन की गई हैं इसके विपरीत श्रमिकों को 14 दिनों तक संस्थागत संगरोध केंद्र में रहना अनिवार्य किया गया हैं, ऐसा दोहरा मापदंड किसी भी दृष्टिकोण से तर्कसंगत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि अभी तो मात्र 10% श्रमिक ही सेब बाहुलीय क्षेत्रों में आ पाएं हैं और अभी से ही सरकार की व्यवस्था डगमगाने लगी है। उन्होंने कहा कि जिन बागवानों के पास श्रमिकों को रखने के लिए उचित सुविधा उपलब्ध हैं उन्हें सरकार एहतिहात के साथ होम क्वारन्टीन करने की अनुमति दें।
रोहित ठाकुर ने कहा कि सेब सीजन शुरू हो चुका हैं लेकिन सरकार ने अभी तक मात्र एक दो ही सेब एकत्रीकृत केंद्र शुरू किये हैं जबकि-जुब्बल नावर-कोटखाई में ही 100 से अधिक सेब एकत्रीकरण केंद्र खोले जाते हैं । उन्होंने सरकार से समय रहते सेब एकत्रीकरण केंद्र शुरू करने की मांग की हैं। ढ़ली सब्जी मंडी के बन्द हो जाने और रोहड़ू और ठियोग में कोरोना के मामलें प्रकाश में आने से पराला और रोहड़ू मंडी में बोझ कम करने की आवश्यकता हैं।
रोहित ठाकुर ने बागवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार से जुब्बल में स्थित अणु मंडी को अस्थाई तौर से शुरू करने की मांग की हैं। सेब सीजन प्रारंभ हो चुका हैं लेकिन लोक निर्माण विभाग की उदासीनता के चलते सड़को की दुर्दशा बदतर बनी हुई हैं। उन्होंने बागवानों-किसानों की इन समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की हैं।