रामपुर महाविद्यालय के प्रिंसिपल द्वारा छात्रों को जूता दिखाया जाना निंदनीय, माफी मांगो या होगा आंदोलन
कॉलेज प्रिंसिपल को मनोचिकित्सक से इलाज की आवश्यकता, एनएसयूआई ने की तत्काल इस्तीफे की मांग
एप्पल न्यूज़, रामपुर बुशहर
कहते हैं गुरु रे ब्रह्मा गुरु रे विष्णु गुरु रे देवो महेश्वरा….. यानी गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश से भी बड़ा दर्जा दिया गया है लेकिन एक गुरु शिष्यों को मारने के लिए अपने पांव से जूता निकालकर मारने के लिए आगे बढ़े तो उस गुरु को क्या कहेंगे।
अब उसे मनोचिकित्सक से चिकित्सा करवाने की जरूरत है या अपना आपा खो बैठा है। ये तो डॉक्टर जाने लेकिन इस तरह का व्यवहार एक उच्च शिक्षण संस्थान में बिल्कुल भी बर्दाश्त के योग्य नहीं है।

जी हां, रामपुर बुशहर में मांगों को लेकर कॉलेज प्रिंसिपल का घेराव करने पर एनएसयूआई के छात्रों पर प्रिंसिपल ने भड़ककर गुस्से में जूता निकालकर दिखाया और छात्रों को जूतों से पीटने की धमकी तक दे डाली। अब वीडियो वायरल हुई तो झटका लगा और गायब हो गए।
ऐसा भी कैसा गुरु जो छात्रों की सुनने के बजाय हर बार नया बखेड़ा खड़ा कर दे। राजनीति ही करनी है तो इस्तीफा देकर नेता बन जाये। लेकिन जब भी छात्र इन प्रिंसिपल के पास जाते हैं तो हर बार उनका रवैया बिगड़ैल ही रहता है और मामले को सुलझाने के बजाय और उलझाने का काम करते हैं। यह कहना है तरुण कायथ का।
एनएसयूआई के कालेज इकाई अध्यक्ष तरुण कायथ ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही है जिसमे साफ दिख रहा है कि कॉलेज शिक्षकों ने बीच मे आकर प्रिंसिपल को छात्रों पर जूता मारने से रोका।
उन्होंने कहा कि रामपुर बुशहर कॉलेज में भगवाकरण की राजनीति करने वाले प्रिंसिपल व शिक्षकों के खिलाफ एनएसयूआई के छात्र अपना रोष प्रदर्शन कर रहे थे जिससे झल्लाकर प्रिंसिपल ने ये शर्मनाक हरकत की।
तरुण ने कहा कि यदि प्रिंसिपल इस घटना के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगते तो एनएसयूआई आंदोलन शुरू करेगी जिसकी जिम्मेदारी प्रिंसिपल की होगी।
उधर एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष छत्तर ठाकुर और राज्य संगठन महासचिव मनोज चौहान ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इस घटना को शिक्षण स्थलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और महाविद्यालय की गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुचाने वाली हरकत करार दिया और कहा कि प्रिंसिपल ने शिक्षकों की मर्यादाओं को तारतार किया है।
एनएसयूआई ने इस कॉलेज प्रिंसिपल को मनोचिकित्सक से इलाज करवाने की नसीहत भी दी। एनएसयूआई ने तत्काल रूप से कॉलेज प्रिंसिपल के इस्तीफे की मांग की और सरकार व उच्च शिक्षा निदेशक से प्रिंसिपल की इस हरकत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और ऐसा न होने की स्थिति में उग्र छात्र आंदोलन की चेतावनी भी दी।