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अयोध्या में श्री राम मंदिर भूमि पूजन संपन्न होने पर BJP कार्यालय शिमला में दीपमाला कार्यक्रम, बांटे लड्डू

एप्पल न्यूज़, शिमला

भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मुख्यालय शिमला में अयोध्या में श्री राम मंदिर भूमि पूजन संपन्न होने के अवसर पर एक दीपमाला का कार्यक्रम पार्टी महामंत्री त्रिलोक जमवाल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया कार्यालय में घी के दीपक जला कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस ऐतिहासिक दिन पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा चक्कर बाज़ार में लड्डू वितरण भी किया गया। कार्यालय में भजन का कार्यक्रम भी रखा गया जिसमें पूरा कार्यालय और चक्कर बाजार जय राम जय जय राम की ध्वनि से झूम उठा।

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भाजपा महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि आज 500 साल के इंतजार के बाद भगवान श्री राम के मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास निर्विघ्न संपन्न हुआ है देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण के लिए जो मार्ग प्रशस्त किया है वह सदा याद किया जाएगा।
उन्होंने कहा 1980 में शुरुआत से ही भारतीय जनता पार्टी ने भगवान् श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने को अपना लक्ष्य बनाया , पार्टी शुरुआत से ही अयोध्या में संवैधानिक तरीके से राम मंदिर के निर्माण को लेकर संकल्पबद्ध रही ।

उन्होंने कहा वर्ष 1989 में पालमपुर के रोटरी भवन में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई पार्टी ने श्रीराम मंदिर के प्रस्ताव को पालमपुर में पहली बार पारित किया , श्रद्धेय लालकृष्ण आडवाणी जी के नेतृत्व में 25 सितंबर , 1990 को गुजरात के सोमनाथ से रथयात्रा शुरू हुई , 30 अक्टूबर 1990 को हजारों रामभक्तों ने मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा खड़ी की गई अनेक बाधाओं को पार कर अयोध्या में प्रवेश किया और विवादित ढांचे के ऊपर भगवा ध्वज फहरा दिया ।
उन्होंने कहा लेकिन 2 नवंबर 1990 को मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया जिसमें सैकड़ों रामभक्तों ने अपने जीवन की आहुतियां दीं । सरयू तट रामभक्तों की लाशों से पट गया था । यहाँ कोठारी बंधुओं के बलिदान को बुलाया नहीं जा सकता , 6 दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचा ढहा दिया गया , उत्तर प्रदेश में भाजपा की तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार ने भगवान् राम जन्मभूमि के लिए सरकार का बलिदान देने में तनिक भी संकोच नहीं किया , इसके पश्चात लगातार हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस चलता रहा और अंतोतगत्वा सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मति से रामलला के पक्ष में अपना फैसला सुनाया , यह निर्णय आस्था के आधार पर नहीं , बल्कि सभी साक्ष्यों , तथ्यों एवं प्रमाणों के आधार पर दिया गया ।
उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने रोजाना आधार पर 40 दिनों तक सुनवाई की सभी पक्षों को मौक़ा दिया गया और उनकी दलीलें सुनी , कांग्रेस सरकार ने 1993 में रामलला की 67.70 एकड़ जमीन एक्वायर की थी जिस पर कोई विवाद था ही नहीं लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने कभी भी इसे वापस नहीं किया था ।
उन्होंने कहा यह मोदी सरकार है जिसने इस भूमि को राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट को सौंपा ,यदि भाजपा और संघ एवं उनके आनुषांगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद् संगठित होकर प्रयत्न नहीं करते तो आज भी रामलला के भव्य मंदिर की कल्पना नहीं की जा सकती थी , भाजपा के हर घोषणापत्र में राम मंदिर के निर्माण के प्रति संकल्पबद्धता दोहराई गई।
इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं हिमफैड के चेयरमैन गणेश दत्त कि 1992 में शिला पूजन में संयोजक व राम जन्मभूमि आंदोलन से सक्रिय रुप से जुड़े रहे तथा 1992 में शिमला से 56 कारसेवकों का जो पहला जत्था गया था उसके वाहिनी प्रमुख थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता गणेश दत्त ने अपने कुछ समय के अनेकों अनुभव कार्यकर्ताओं के साथ सांझा किए उन्होंने बताया कि जब वह यहां से गए थे तो किस प्रकार से उनकी गिरफ्तारी हुई और कारावास भी उन लोगों ने अयोध्या के समीप ही काटा। उन्होंने अपने अनुभवों को सांझा करते हुए बताया कि उस समय के कारसेवकों को अनेकों मुसीबतों का सामना करना पड़ा था जब उन सब ने घर वापस आना था तो जेब में पैसे भी नहीं थे।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे

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