IMG_20241205_075052
WEBISTE 6TH DEC 2024
previous arrow
next arrow

शिमला जलप्रबंधन निगम और जल शक्ति विभाग नहीं कर रहा STP मापदंडों की अनुपालना, PCB ने लिया कड़ा संज्ञान

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मल निकासी संयंत्रों में तय मापदंडों का अनुपालन करने के निर्देश दिए

एप्पल न्यूज़, शिमला

हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने आज यहां कहा कि बोर्ड ने शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एस.जे.पी.एन.एल) और जल शक्ति विभाग द्वारा मल उपचार संयंत्रों (एस.टी.पी.) में तय मापदंडों का अनुपालन नहीं करने पर कड़ा संज्ञान लिया है। निर्धारित मापदंडों का अनुपालन नहीं करने से जल स्त्रोतों के प्रदूषित होने का खतरा बना रहता है।


उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के अनुसार बद्दी के समीप सिरसा नदी, मारकण्डा नदी, ब्यास नदी, अश्वनी खड्ड, गिरी नदी और पब्बर नदी के प्रदूषित भागों का कायाकल्प करने के लिए वर्ष 2019-20 में कार्य योजना तैयार की गई थी।  

एस.जे.पी.एन.एल. और जल शक्ति विभाग को एनजीटी के निर्देशों के अनुसार कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता थी।
जल शक्ति विभाग राज्य के मुख्य शहरी क्षेत्रों के विभिन्न हिस्सों में 99.97 एमएलडी क्षमता के 70 एस.टी.पी. का संचालन कर रहा है।

इसके अलावा एस.जे.पी.एन.एल. के पास 26.06 एमएलडी क्षमता के 06 एसटीपी हैं, जिन्हें स्तरोन्नत करने की आवश्यकता है। हालांकि, अश्वनी खड्ड के प्रदूषित नदी खंड का कायाकल्प नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों के अनुसार किया जा रहा है।

प्रदूषकों की सघनता को कम करने के लिए अश्विनी खड्ड के जलग्रहण क्षेत्र की जैव उपचारात्मक प्रक्रिया को भी तेज करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड नियमित रूप से उपचारित अपशिष्ट जल का निरीक्षण, निगरानी और सैंपल भी एकत्रित कर आवश्यकता पड़ने पर नियामक कार्रवाई करता है।
संजय गुप्ता ने कहा कि इन गैर-अनुपालन वाले एस.टी.पी. के अनुचित संचालन और कामकाज के संबंध में संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं और प्राथमिकता के आधार पर संशोधन, उन्नयन, विस्तार और निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा एस.टी.पी. के संचालन में सुधार की आवश्यकता है और मल निकासी प्रबंधन प्रणाली के संवर्द्धन कार्य में तेजी लाने की जरूरत है जो कि नदियों के पानी की गुणवत्ता और राज्य के प्राकृतिक जलीय संसाधनों को प्रभावित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही संबंधित विभाग के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी। बोर्ड ने प्रधान सचिव, शहरी विकास और सचिव जल शक्ति विभाग से भी इस मामले में उचित कदम उठाने का आग्रह किया है।

Share from A4appleNews:

Next Post

वाह- हिमाचल परिवहन विभाग बना देश का पहला "इलेक्ट्रिक वाहन युक्त विभाग" CM सुक्खू ने 11 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

Fri Feb 3 , 2023
एप्पल न्यूज़, शिमला परिवहन विभाग पूर्ण रूप से विद्युत वाहन उपयोग करने वाला देश का पहला सरकारी विभाग बनामुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज रिज मैदान शिमला से ग्रीन मोेबिलिटी अभियान के तहत व पर्यावरण संरक्षण व प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनांे के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए परिवहन […]

You May Like

Breaking News