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धोखाधड़ी के आरोपों पर पूर्व सीएम शांता कुमार के खिलाफ दायर याचिका खारिज, HC ने याची पर लगाई एक लाख कॉस्ट

एप्पल न्यूज़, शिमला

प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार व विवेकानंद मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट के खिलाफ पालमपुर में मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के नाम पर जनता से धोखा देने के आरोपों को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने भुवनेश चंद सूद की याचिका को खारिज करते हुए उस पर 1 लाख रुपये की कॉस्ट भी लगाई।

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मामले के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने विवेकानंद मेडिकल, एजूकेशन एंड रिसर्च ट्रस्ट बनाया था। प्रार्थी ने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने सस्ते इलाज का प्रलोभन दिया था कि पालमपुर में चंडीगढ़ पीजीआई स्तर का अस्पताल बनाऊंगा।

इस प्रलोभन में आकर लोगों ने ट्रस्ट को करोडों रुपये चंदा दिया लेकिन असल में उन्होंने जनता को झूठा सपना दिखाया। जब यह अस्पताल बन गया तो उसे चेरिटेबल की बजाय व्यवसायिक बना दिया गया। इतना ही नहीं अस्पताल के लिए इस्तेमाल की गई जमीन को भी गलत ढंग से हस्तांतरित किया गया।

नेशनल बॉयोलोजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की जमीन को पहले राज्य सरकार के नाम किया गया फिर बाद में रातोंरात ट्रस्ट के नाम कर दिया गया। यह भी आरोप लगाया गया था कि शांता कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग व प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए ट्रस्ट को सरकारी जमीन का बहुत बड़ा हिस्सा मात्र 1 रुपये सालाना दर से 99 वर्षों के लिए लीज पर दे दिया गया। 

राज्य सरकार  ने अदालत को बताया कि वर्ष  1992 में राज्य सरकार ने कांगड़ा जिला के गाँव होलटा में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाए जाने का निर्णय लिया था जिसके लिए सारी औपचारिकताएं  कानूनी तरीके से पूरी की गई थी। इस अस्पताल में गरीबों को मुफ्त व अन्य मरीजों को बेहद रियायती दरों पर बेहतरीन इलाज मुहैया करवाया जा रहा है। 

कोर्ट ने प्रार्थी के आरोपों व प्रतिवादियों के जवाब का अवलोकन करने पर सभी आरोपों को तथ्यहीन पाया। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए साफ़ मन, स्वच्छ हृदय और स्वच्छ उद्देश्य का होना बहुत जरुरी है।

कोर्ट ने कहा कि प्रार्थी ने न केवल अदालत का कीमती समय बर्बाद किया बल्कि प्रतिवादियों को भी अवांछनीय लिटिगेशन में धकेला। कोर्ट ने प्रार्थी को आदेश दिए कि वह दो माह के भीतर एक लाख रुपये की कॉस्ट में से 25 हजार पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार व 25 हजार ट्रस्ट को अदा करे।

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