एप्पल न्यूज़, शिमला
आईजीएमसी में रैन बसेरे को लेकर मचे घमासान थमने का नाम नही ले रहा है। रैन बसेरे के संचालन को बीते दिन नोफेल सोसाइटी को दे दिया है। लेकिन ऑल माइटी संस्था जो पिछले कई सालों से आईजीएमसी में लंगर चला रही हैं ने इस पर सवाल उठाए है और आईजीएमसी प्रशासन पर राजनीति करने के आरोप लगाए है।
मामले में आईजीएमसी प्रशासन को सामने आना पड़ा हआईजीएमसी के वरिष्ट चिकित्सा अधिकारी डॉ जनकराज ने बताया कि समाजसेवा के नाम पर व्यवस्था का मजाक नही बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार की प्रॉपर्टी की बंदरबांट नही की जा सकती। IGMC में हर रोज कोई न कोई संस्था जरूरतमंदों की सहायता करने आगे आते है लेकिन ।
रोगी कल्याण समिति की बैठक में इस पर चर्चा हुई कि कौन संस्था यह कार्य कर सकती है। 19 दिसंबर को इसको लेकर टेंडर निकाला गया 21 दिनों तक इसका समय रखा गया था। रजिस्टर्ड एनजीओ ही इसमे अप्लाई कर सकती थी। NGO का जीएसटी नम्बर ओर एनुअल टर्न ओवर 5 लाख से अधिक होना चाहिए था। जिसने ये सभी शर्ते पूरी की है उसे यह दे दिया गया।बिल्डिंग सरकारी खर्चे पर 50 लाख खर्च हुआ है। यह टेंडर पूरी पारदर्शी तरीके से किया गया।