एप्पल न्यूज़, शिमला
पशुपालन विभाग, हिमाचल प्रदेश ने फरवरी के महीने में राज्य भर में 3464 पशु चिकित्सा संस्थानों के एक नेटवर्क द्वारा बीमार पशुओं को उपचार प्रदान किया ।
आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए टीकाकरण भी पशुधन मालिकों के द्वार पर किया गया था।
प्रजनन योग्य मवेशियों और भैंस की आबादी को उनके आनुवंशिक उन्नयन के लिए कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा प्रदान की गई। विभिन्न केंद्रीय योजनाओं जैसे राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, बोवनी प्रजनन पर राष्ट्रीय परियोजना आदि के लाभ राज्य के किसानों को प्रदान किए गए।
एचपी मिल्क फेडरेशन के किसानों ने सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य पर राज्य के किसानों से दूध खरीदा।
गोसेवा अयोग द्वारा गोसदनों में आवारा गायों का पुनर्वास किया गया। गोसदन में आवारा पशुओं के रख-रखाव हेतु रु. 500 / – प्रति पशु प्रति माह के हिसाब से कोष प्रदान किया गया।
वीर्य पुआल और तरल नाइट्रोजन गैस विभिन्न शुक्राणु स्टेशनों और वीर्य बैंक में कृत्रिम गर्भाधान कार्य के लिए उत्पादित की गयी ।
उपरोक्त गतिविधियों के अलावा विभाग ने राज्य भर में स्थित अपने विभिन्न पशुधन फार्मों में पशुधन का रखरखाव किया |