आरोपी किसान एवं जनकल्याण समिति धमून का सदस्य बताया जा रहा है
एप्पल न्यूज़, शिमला
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए बीते सप्ताह वन महोत्सव के मौके पर ‘पीपल’ सहित अन्य पौधे रोपे गए था। कुछ उपद्रवियों को ये पौधे रास नहीं आए और अगले ही दिन इसे उखाड़ फेंका। पौधा तो पौधा, वन महोत्सव कार्यक्रम के नाम से लगा बोर्ड भी उखाड़कर ध्वस्त कर दिया।
बात यहीं खत्म नहीं हुई इन उपद्रवियों ने इस क्षेत्र में कार्य कर रहे वन विभाग के मजदूरों के साथ भी बदसलूकी की और उनके औजार छीनकर फैक दिए और उन्हें यहां पौधे लगाने और उनकी सुरक्षा के लिए लगाई जा रही तार बाढ़ के कार्य को भी रोका और धमकियां भी दी।
मौके पर पहुंचे वन रक्षक ने जब इन पर्यावरण विरोधियों को रोकने की कोशिश की तो उनके साथ भी धक्का मुक्की करने लग गए और अपशब्द कहे। उन के इस कृत्य को जब गार्ड ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया और गाड़ी का नम्बर लेने को फ़ोटो लेने की कोशिश की तो इन गुंडातत्वों ने फ़ॉरेस्ट गॉर्ड पर अपनी गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की।
वन रक्षक ने इस घटनाक्रम की जानकारी तुरन्त अपने उच्च अधिकारियों को दी जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को भी की गई है। घटना के तीन दिन बाद भी अब तक पुलिस द्वारा इन हुड़दंगियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मामला शिमला ग्रामीण के जाठिया देवी का है। जहां पर 26 जुलाई को वन महोत्सव कार्यक्रम के तहत पौध रोपण कार्यक्रम किया गया।
इस दौरान कई लोगों ने मिलकर 5 पीपल, 50 आंवले, 50 हरड़, 50 नीम और 40 बहेड़ा के पौधे रोपे गए। निश्चित तौर पर इनका सीधा लाभ आने वाले समय में यहां के स्थानीय लोगों को ही होना था।
मगर यहां के कुछ लोगों को सरकार की यह पहल रास नहीं आई और सरकार व वन विभाग की चिंता किए बिना डर के बोर्ड सहित पौधा भी उखाड़ फेंका। यदि मौके पर वन रक्षक न होता तो शेष पौधे भी इनकी करनी से नष्ट हो जाते। विभाग करोड़ों रुपये खर्च कर हर वर्ष वन महोत्सव के तौर पर स्थानीय लोगों के सहयोग से जनहित में पौधरोपण करता है ताकि प्रदेश का वातावरण और अधिक हर भर हो और स्थानीय लोगों को भविष्य में कई तरह के लाभ मिल सकें लेकिन ऐसे कुछ समाज के दुश्मनों की वजह से लाखों पौधे नष्ट हो जाते हैं।
बहरहाल, पुलिस के पास दोषी शिमला ग्रामीण क्षेत्र के निवासी रामेश्वर, जगदीश ठाकुर और इंद्रपाल के खिलाफ शिकायत करवाई गई है। मौके पर इन तीनों लोगों की जुब्बड़हट्टी बीट के फॉरेस्ट गार्ड के साथ हुई खसुनिनौर धक्कामुक्की का किसी व्यक्ति ने एक वीडियो भी बनाया है, जो अब वायरल हो चुका है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपी किसान एवं जनकल्याण समिति धमून का सदस्य बताया जा रहा है।
इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि आरोपी लोग घटनास्थल पर बहस कर रहर हैं और वन रक्षक को धक्का मार रहे हैं। इसकी पुष्टि कार्य कर रहे मजदूर भी कर रहे हैं। वहीं जब वह रक्षक उन्हें ऐसा कृत्य करने पर रोक रहा है तो उसे “जो करना है कर लो” जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए धमकी देते भी नजर आ रहे हैं। जबकि वन रक्षक उन्हें इन पौधों से भविष्य में होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
अब देखना होगा कि पुलिस अतीत में घटी वन रक्षक होशियार हत्याकांड जैसी घटनाओं से कुछ सीख लेकर कार्रवाई करेगी या फिर मौन रहकर इन समाज विरोधियों के हौसले बढ़ाने का काम करेगी।